निर्भया कांड के दोषियों को फांसी पर लटकाने वाले जल्लाद ने किया ये खुलासा, मेरठ जेल से जुड़े…

निर्भया कांड के दोषियों को सजा देने का वक्त आ गया और इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार की मेरठ जेल से जुड़े अधिकृत पवन जल्लाद इस काम को अंजाम देंगे। पवन जल्लाद कहते है कि वे मां काली की पूजा करके ही गुनहगारों को फांसी पर लटकाता है।

निर्भया के गुनहगारों का इंसाफ करने के लिए मेरठ का पवन जल्लाद तैयार बैठा है। पवन जल्लाद का कहना कि उसे बस शासन के आदेश का इंतजार है, जैसे ही उसे आदेश मिलेगा वो निर्भया के गुनहगारों को फांसी के फंदे पर झुला देगा। इस सब के बीच पवन जल्लाद के जीवन का दूसरा पहलू भी है। दुनिया भले ही उसे पवन जल्लाद के नाम से जानती है। लेकिन वो बेहद विनम्र स्वभाव का है। रोजाना वो माता काली की आराधना करके घर से निकलता है।

मेरठ की कांशीराम आवासीय कॉलोनी में एक कमरे के मकान में रहता है। जिस मकान में पवन जल्लाद रहता है उस मकान में चारों तरफ भगवान की तस्वीरें लगी हुई हैं। पवन जल्लाद ने कहा कि निर्भया के गुनहगारों को फांसी के फंदे पर लटकाने से बड़ा काम उसके जीवन में कोई दूसरा नहीं हो सकता। और वो इस बात पर जीवन भर फक्र महसूस करेगा कि उसने ऐसे दानवों को फांसी पर लटकाया था।

पवन बताते हैं उनके दादा ने रंगा बिल्ला को फांसी दी थी, और उनका परिवार चार पीढ़ियों से फांसी देता आ रहा है। ऐसा बहुत कम ही लोग जानते हैं कि पवन जल्लाद का नाम सिंधी राम भी है। पवन इस समय करीब 56 साल के हैं। फांसी देने के काम को वो महज एक पेशे के तौर पर देखते हैं।

उनका कहना है कि कोई व्यक्ति न्यायपालिका से दंडित हुआ होगा और उसने वैसा काम किया होगा, तभी उसे फांसी की सजा दी जा रही होगी, लिहाजा वो केवल अपने पेशे को ईमानदारी से निभाने का काम करता है। हालांकि इस काम से जुड़े हुए उसे चार दशक से कहीं ज्यादा हो चुके हैं। जब वो किशोरवय में था तब अपने दादा कालू जल्लाद के साथ फांसी के काम में उन्हें मदद करता था। कालू जल्लाद ने अपने पिता लक्ष्मण सिंह के निधन के बाद 1989 में ये काम संभाला था।

कालू ने अपने करियर में 60 से ज्यादा लोगों को फांसी दी। इसमें इंदिरा गांधी के हत्यारों सतवंत सिंह और केहर सिंह को दी गई फांसी शामिल है। उन्हें फांसी देने के लिए कालू को विशेष तौर पर मेरठ से बुलाया गया था। इससे पहले रंगा और बिल्ला को भी फांसी देने का काम उसी ने किया था।