कोविड-19 के साथ जोड़ दें तो द्वीपक्षीय व्यापार इस साल 30 पर्सेंट कम हो जाएगा और यह गिरावट 50 फीसदी तक हो सकती है।” ग्लोबल टाइम्स के एक लेख में शेनझेन यूनिवर्सिटी ‘इंस्टीट्यूट ऑफ बे ऑफ बंगाल स्टडीज’ के डायरेक्टर डाय योंगहोंग ने लिखा, ”सीमा पर भारत-चीन सैनिकों में हिंसक झड़प के बाद कुछ नेता और मीडिया के द्वारा लोगों में राष्ट्रवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है।
चूंकि भारत के साथ वह ट्रेड मुनाफे में है (भारत को निर्यात अधिक, आयात कम) इसलिए व्यापार कम होने से चीन को ही बड़ा नुकसान होगा। इसके साथ ही चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है, ”चीन के खिलाफ भारत में बढ़ते राष्ट्रवाद का असर आर्थिक मुद्दों पर पड़ा है।
पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सैनिकों के बीच झड़प के बाद से ही दोनों देश के बीच तनाव का माहौल बना हुआ है, इसके साथ देश में चीन के खिलाफ लोगों में आक्रोश व्याप्त है.
आपको बता दें कि झड़प के बाद देश में शुरू हुए ‘बॉयकॉट चाइना’ मुहिम का असर दिखने लगा है। अब खुद चीन ने माना है कि इससे उसे काफी नुकसान होगा और भारत के साथ व्यापार इसी साल 30 से 50 पर्सेंट तक कम हो सकता है।