संसद में गूंजे लोकतंत्र की हत्या के नारे, वजह सुनकर उड़ जाएंगे आपके होश

महाराष्ट्र में सुप्रीम कोर्ट का फैसला कल के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. इस मामले पर कल यानी मंगलवार सुबह साढ़े 10 बजे फैसला सुनाया जाएगा.

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान बीजेपी और एनसीपी ने बहुमत होने का दावा किया. बीजेपी ने कहा कि उसके पास 170 विधायकों का समर्थन है. इसमें एनसीपी के भी 54 विधायक शामिल हैं. वहीं एनसीपी ने हलफनामा दायर कर 154 विधायकों के समर्थन होने का दावा किया. एनसीपी ने कहा कि बहुमत शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस के साथ है. सुनवाई के दौरान केंद्र की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जवाब दाखिल करने के लिए 2 से 3 दिन का समय मांगा. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एन वी रमन्ना, जस्टिस संजीव खन्ना और अशोक भूषण की पीठ इस मामले पर सुनवाई कर रही है.

उधर राज्य में एनसीपी विधायक दल के नेता जयंत पाटिल ने कहा है कि गठबंधन में शामिल दलों के नेताओं ने आज राज्यपाल से मुलाकात की और उन्हेंउन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की मौजूदा सरकार फर्जी दस्तावेजों के सहारे सत्ता में आई है.

बता दें कि शनिवार को.. नाटकीय घटनाक्रम में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजित पवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई थी. जिसके बाद शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस ने राज्यपाल के इस फैसले को असंवैधानिक बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.

 

महाराष्ट्र के मसले पर आज संसद के दोनों सदनों में भारी हंगामा हुआ. इसके चलते राज्य सभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक स्थगित करनी पड़ी. वहीं लोक सभा की कार्यवाही पहले 12 बजे और फिर दोपहर 2 बजे तक स्थगित की गई. लोक सभा की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस समेत विपक्षी दल के सदस्य महाराष्ट्र में लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाते हुए हंगामा करने लगे. उनके हाथ में तख्तियां और काले बैनर थे और वो मोदी सरकार हाय-हाय के नारे लगा रहे थे.

इस दौरान स्पीकर ओम बिड़ला ने राहुल गांधी का नाम सवाल पूछने के लिए पुकारा. इस पर राहुल गांधी ने कहा कि वो सवाल नहीं पूछेंगे क्योंकि महाराष्ट्र में लोकतंत्र की हत्या हुई है. स्पीकर ने सदन में व्यवस्था बनाने के लिए कई बार चेतावनी दी लेकिन विपक्षी सदस्य शांत नहीं हुए. इसके बाद स्पीकर ने मार्शल को काले बैनर लहराने वाले कांग्रेस सदस्य एच ईडन और टीएन प्रथापन को बाहर निकालने का आदेश दिया. यही हाल राज्य सभा का भी रहा और वहां भी कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी

इस बीच, लोक सभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया कि सुरक्षा बलों ने उनके महिला सांसदों के साथ दुर्व्यवहार किया. उन्होंने कहा कि लोक सभा के इतिहास में उन्होंने ऐसा कभी नहीं देखा है.