राजधानी के कुटुंब न्यायालय में एक अनूठा मामला आया है जिसमें सात साल में दो बच्चों के माता-पिता बनने के बाद पति ने न्यायालय में अपनी पत्नी की शादी उसके प्रेमी से कराने की अर्जी लगाई है. पति का कहना है कि उसकी पत्नी अभी तक उसके पहले प्यार को नहीं भूल पाई है. ऐसे में वह मेरे साथ कभी खुश नहीं रहेगी. बेहतर है कि हम तलाक ले लें और वह अपने प्रेमी के साथ खुशी से जीवन व्यतीत करे.
दोनों ने आपसी सहमति से तलाक के लिए कोर्ट में केस फाइल किया है. मामला कोलार क्षेत्र का है. पत्नी फैशन डिजाइनर और पति सॉफ्टवेयर इंजीनियर है. पति इसलिए तलाक देने के लिए तैयार है, ताकि पत्नी अपने प्रेमी से शादी कर सके. दंपती के छह और तीन साल के दो बच्चे भी हैं. जज का कहना है कि आपसी सहमति से तलाक का केस फाइल हुआ है तो अगली पेशी में तलाक हो जाएगा. वहीं, काउंसलर का कहना है कि मामले में पति ने पत्नी पर कोई भी आरोप नहीं लगाया है. वह दोनों बच्चों को अपने साथ रखने के लिए तैयार है और पत्नी को बच्चों से मिलने के लिए छूट देने पर भी सहमति जताई है.
काउंसिलिंग में पति ने बताया कि तमाम प्रयासों के बावजूद पत्नी मेरे साथ खुश नहीं है. पहले तो कुछ नहीं बताया, लेकिन शादी के एक साल बाद बातों-बातों में कॉलेज के दिनों के अपने पहले प्यार के बारे में जिक्र कर दिया. इसके बाद इसके कॉलेज के दोस्तों से पता किया तो दोनों के प्रेम प्रसंग के बारे में पता चला. दोनों ने स्कूल से लेकर कॉलेज तक साथ पढ़ाई की थी, लेकिन अंतरजातीय होने के कारण पत्नी के पिता दोनों की शादी के लिए तैयार नहीं हुए. पत्नी के प्रेमी ने भी अभी तक शादी नहीं की है और जीवनभर अविवाहित रहने की ठान ली थी. पहले सोचा कि कुछ दिनों में भूल जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. पत्नी ने काउंसिलिंग में बताया कि मैं अपने पहले प्यार को नहीं भूला सकती थी.
अगर पति मुझे बच्चों को ना सौंपे, तब भी मैं उनके साथ नहीं रह सकती. मेरे घरवालों को भी इस बारे में जानकारी थी, लेकिन जबरदस्ती मेरी शादी कर दी गई. पिछले दिनों पति ने हम दोनों को मिलवाया था. अब अपने पहले प्यार के साथ जाने से अपने आप को नहीं रोक सकती. इस बारे में कुटुम्ब न्यायालय के काउंसलर शैल अवस्थी का कहना है कि यह पहला ऐसा मामला आया है, जिसमें पति अपनी पत्नी को प्रेमी से मिलवाने के लिए तलाक देने के लिए तैयार है. साथ ही बच्चों का भी पालन-पोषण खुद ही करेगा.