सामने आई भारत में कोरोना वायरस फैलने की असली वजह, पीएम मोदी ने वैज्ञानिकों की इस चेतावनी को किया था नजरअंदाज

देश के शीर्ष वैज्ञानिकों ने केंद्र सरकार को कोरोना वायरस के तेजी से फैलने की चेतावनी देते हुए इसके परीक्षण और क्वारंटीन की सुविधा को बढ़ाने, देशव्यापी निगरानी तंत्र स्थापित करने और स्वास्थ्यकर्मियों के लिए पर्याप्त सुरक्षा संसाधनों की व्यवस्था करने की सिफारिश की थी।

गौरतलब है कि 30 जनवरी को ही भारत में कोरोना का पहला मामला दर्ज हुआ था। तब तक डब्ल्यूएचओ भी दुनिया को सावधान कर चुका था। इस दौरान आईसीएमआर के वैज्ञानिकों ने आकलन शुरू कर दिया था कि कोविड-19 का भारत किस तरह मुकाबला कर सकता है। अंतिम फरवरी में ये वैज्ञानिक दो शोध पत्रों को भी अंतिम स्वरूप दे चुके थे। दोनों शोध पत्र इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च में प्रकाशित भी हुए।

केंद्र सरकार ने वैज्ञानिकों के इन सुझावों को नजरअंदाज करते हुए काफी विलम्ब से 18 मार्च को कोविड टास्क फोर्स बनाई; जिसमें 21 वैज्ञानिक और स्वास्थ्य विशेषज्ञ शामिल थे। विनोद के पॉल को टास्क फोर्स का चेयरमैन बनाया गया। उनके साथ केद्रीय गृह सचिव प्रीति सूदन और आईसीएमआर के महानिदेशक को भी जिम्मेदारी दी गई।