रेलवे ने किया बड़ा एलान, एक कर्मचारी को होगा इतना नुकसान

कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने पूरे देश में लॉक डाउन करने के साथ यात्री ट्रेनों का आवागमन पूरी तरह से बंद किया जा चुका है।

 

ट्रेनों के आवागमन बंद होने से रेलवे को भी काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। देश में आर्थिक संकट को देखते हुए कुछ दिन पहले केन्द्र सरकार ने केन्द्रीय कर्मचारियों को दिए जाने वाले महंगाई भत्ते में 4 फीसदी कटौती करने का आदेश जारी कर दिया है।

इस आदेश के साथ पूरे रेलवे में 10 लाख से अधिक रेल कर्मचारियों के अलावा दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के 45 हजार से अधिक रेल कर्मचारियों को जनवरी 2020 से मिलने वाले महंगाई भत्ते को प्रतिमाह के वेतन में कटौती करना शुरु कर दिया गया है।

बिलासपुर जोन के तीनों डिवीजन बिलासपुर, रायपुर और नागपुर में ग्रुप सी और ग्रुप डी के 45 हजार कर्मचारी काम करते हैं।

जिसमें जनवरी 2020 से जुलाई 2021 तक दिए जाने वाले 4 फीसदी महंगाई भत्ते में रोक के कारण प्रति कर्मचारी को 1 लाख से 3 लाख के बीच यानि डेढ़ माह के वेतन बराबर नुकसान उठाना पड़ रहा है।

दूसरी ओर 45 हजार कर्मचारियों को डेढ़ वर्ष तक महंगाई भत्ते नहीं देने के कारण रेलवे को करीब 345 करोड़ रुपए का फायदा भी हो रहा है। केन्द्र सरकार के एकतरफा फैसले का रेलवे कर्मचारी यूनियन ने विरोध शुरु कर दिया है।

लॉकडाउन में एक ओर जहां महंगाई भत्ते में बढ़ोत्तरी हो गई है। वहीं केन्द्र ने रेल कर्मचारियों को दिए जाने वाले डीए यानि महंगाई भत्ते पर रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया है.

जिससे बिलासपुर एसईसीआर जोन में कार्य करने वाले 45 हजार कर्मचारियों को जनवरी 2020 से जुलाई 2021 डेढ़ वर्ष तक डेढ़ माह के वेतन के बराबर वेतन नहीं मिलने से 345 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ेगा।