यात्रियों के लिए रेलवे ने बनाई ये नयी योजना, कहा स्टेशनों पर होगा…

रेलवे दस्तावेजों में उल्लेख है कि कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए सभी ट्रेन और रेलवे स्टेशनों की अच्छा प्रकार से सफाई करना अति आवश्यक है.

 

हर फेरे के बाद ट्रेन के प्रत्येक कोच को साबुन अथवा सेनेटाइजर स्प्रे से साफ किया जाएगा. कोच के भीतर पर्दे नहीं लगाए जांएगे. खिड़की के पर्दे सरलता से धुलने और सूखने वाले होने चाहिए.

इंडियन रेलवे वे ने सामाजिक दायित्व निभाते हुए लॉकडाउन में फंसे आठ लाख लोगों को भोजना मुहैया कराया है. भोजन वितरण के काम में रेलवे आरपीएफ, पुलिस और गैर सरकारी संगठन के कार्यकर्ता जुटे हैं. खाना पकाने का कार्य आईआरसीटीसी के बेस किचन और अन्य एनजीओ करा रहे हैं.

रेलवे मंत्रालय के एक वरिष्ठ ऑफिसर ने बताया कि देशभर में लॉकडाउन के चलते गरीबों को खाने-पीने की समस्या हो रही है. इसको देखते हुए रेलवे ने 28 मार्च से खाना वितरण का कार्य प्रारम्भ कर दिया था.

इसमें गरीबों, भिखारियों, बच्चों और कुलियों को खाना खिलाया जाता है. खाने को पैकैट अथवा प्लेट में खिलाया जा रहा है.

अधिकारी ने बताया कि विभिन्न जोनल रेलवे, आरपीएफ, जीआरपी, कॉमर्शियल विभाग आदि के योगदान से खाना वितरण किया जा रहा है.

खाना वितरण के समय सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखा जाता है. नयी दिल्ली, बंगलुरु, हुबली, मुंबई, अहमदाबाद, भूसावल, हावड़ा, पटना, गया, रांची, कटिहार, वियजवाड़ा, धनबाद आदि बेस किचन से छह लाख से अधिक खाने का वितरण किया गया. इसमें गैर सरकारी संगठन और अन्य संगठनों ने भी दो लाख खाना वितरण में योगदान किया.

रेलवे बोर्ड ने ट्रेन परिचालन के दौरान लाखों रेल यात्रियों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए कार्ययोजना बना ली है. इसके तहत ट्रेन को प्रत्येक फेरे के बाद साबुन अथवा सेनेटाइजर स्प्रे से कीटाणु मुक्त किया जाएगा.

प्रत्येक स्टॉप पर टॉयलेट की अच्छी प्रकार से सफाई की जाएगी. सफर के दौरान हर दो घंटे में कोच व टायलेट के दरवाजे के हैंडल, रेलिंग, खिड़कियां आदि को सेनेटाइजर स्प्रे से साफ किया जाएगा.