पेटीएम को मिला 1 अरब डॉलर का नया निवेश, भारतीय स्टार्टअप द्वारा जुटाई गई ये सबसे बड़ी रकम

डिजिटल पेमेंट कंपनी पेटीएम को 1 अरब डॉलर (7171 करोड़ रुपए) का नया निवेश मिला है। इस साल किसी भारतीय स्टार्टअप द्वारा जुटाई गई ये सबसे बड़ी रकम है। अमेरिकी एसेट मैनेजमेंट फर्म टी रो प्राइस, अलीबाबा ग्रुप की आंट फाइनेंशियल और जापान के सॉफ्टबैंक विजन फंड ने मिलकर पेटीएम में ये फंडिंग की है। जानकारी के मुताबिक पेटीएम का मौजूदा वैल्यूएशन 16 अरब डॉलर (1.14 लाख करोड़ रुपए) माना जा रहा है। बता दें कि यह इस साल किसी भारतीय स्टार्टअप द्वारा जुटाई गई सबसे बड़ी रकम है। योजना के मुताबिक टी रो प्राइस, डिस्कवरी कैपिटल और डी 1 कैपिटल कंपनी में करीब 40 करोड़ डॉलर, मौजूदा निवेशक सॉफ्टबैंक 20 करोड़ डॉलर और आन्ट फाइनेंशियल 40 करोड़ डॉलर का निवेश करेंगे।

पेटीएम देश का दूसरा बड़ा स्टार्टअप

जानकारी दें पेटीएम ने पिछले साल वॉरेन बफे की बर्कशायर हैथवे से 30 करोड़ डॉलर का निवेश जुटाया था। उस वक्त पेटीएम का वैल्यूएशन 10 अरब डॉलर आका गया था। पेटीएम देश का दूसरा बड़ा स्टार्टअप है। सबसे बड़ी स्टार्टअप कंपनी फ्लिपकार्ट का वैल्यूएशन पिछले साल 21 अरब डॉलर था। फ्लिपकार्ट में अमेरिकी रिटेलर वॉलमार्ट ने पिछले साल कंट्रोलिंग हिस्सेदारी खरीद ली थी। पेटीएम नए निवेश से मिली रकम का इस्तेमाल ऑफलाइन और ऑनलाइन व्यापारियों तक पहुंच बढ़ाने के लिए करेगी। कंपनी के फाउंडर और सीईओ विजय शेखर शर्मा का कहना है कि मौजूदा और नए निवेशकों से मिली फंडिंग से नए दौर की वित्तीय सेवाओं द्वारा देश की सेवा करने की हमारी प्रतिबद्धता पुख्ता होती है।

पेटीएम की पेरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड का कहना है कि पेटीएम देश में कम खर्च वाली डिजिटल पेमेंट सर्विस में आगे है। यह 650 जिलों के 2000 कस्बों में दुकानदारों को सर्विस दे रही है। अब ग्रामीण इलाकों में मोबाइल आधारित सस्ती वित्तीय सेवाएं शुरू करने का लक्ष्य है। वन97 कम्युनिकेशंस को बीते वित्त वर्ष 2018-19 में 3,959.6 करोड़ रुपए का घाटा हुआ। 2017-18 में 1,490 करोड़ का नुकसान हुआ था। हालांकि 2018-19 में रेवेन्यू बढ़कर 3,319 करोड़ रुपए रहा। 2017-18 में 3,229 करोड़ था।