भारत में कोरोना का इलाज करा रहे इस देश के राष्ट्रपति, जानकर लोग हुए हैरान

दूसरी ओर, केन्या के ‘नेशन’ अखबार ने बुधवार को अज्ञात राजनीतिक और राजनयिक सूत्रों का हवाला देते हुए कहा कि एक अफ्रीकी नेता का नैरोबी अस्पताल (Nairobi hospital) में वेंटिलेटर पर था.

उसका कोरोना का इलाज किया जा रहा था. वहीं, भारत के विदेश मंत्रालय और नैरोबी में उसके उच्चायोग ने इस मामले में तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की है.

बता दें कि तंजानिया के राष्ट्रपति जॉन मागुफुली ने कोरोना को बीमारी मानने से इनकार कर दिया था. उन्होंने कहा था कि ये सिर्फ एक फ्लू है और झाड़ फूंक से इसे भगाने का दावा कर रहे थे.

2015 में तंजानिया की सत्ता संभालने के बाद ‘बुलडोजर’ निकनेम वाले मागुफुली को आखिरी बार 27 फरवरी को देखा गया था. देश के सबसे बड़े शहर दार एस सलाम (Dar-es-Salaam) में स्थित स्टेट हाउस में एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति स्वस्थ स्थिति में लोगों के बीच दिखाई दिए.

लिसु ने बताया कि मागुफुली को इस सप्ताह की शुरुआत में केन्या के नैरोबी अस्पताल में भेजा गया था और फिर भारत में एक अज्ञात गंतव्य पर ले जाया गया. उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति कल सुबह से ही बेहोश हैं. हालांकि, इस बारे में उन्होंने ज्यादा जानकारी नहीं दी.

दरअसल, पिछले दो हफ्तों से मागुफुली लोगों के बीच नजर नहीं आए हैं. ऐसे में उनके कोविड-19 संक्रमित होने की खबर सामने आ रही है. देश के मुख्य विपक्षी नेता टुंडु लिसु (Tundu Lissu) ने केन्या (Kenya) में मेडिकल और सुरक्षा सूत्रों का हवाला देते हुए कहा, राष्ट्रपति को केन्या के अस्पताल से भारत रेफर कर दिया गया है.

वह फिलहाल कोमा में हैं. हालांकि, विपक्षी नेता ने अपनी बात को सच साबित करने के लिए कोई पुख्ता सबूत नहीं दिए. तंजानिया सरकार के प्रवक्ता ने 61 वर्षीय मागुफुली की वर्तमान लोकेशन और स्वास्थ्य के बारे में अटकलों को लेकर चुप्पी साधे रखी.

कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी का एक साल से अधिक समय से दुनियाभर के मुल्क दंश झेल रहे हैं. ऐसे में कुछ लोग अभी भी हैं, जिन्हें इस बीमारी को लेकर संदेह हैं.

इसमें तंजानिया (Tanzania) के राष्ट्रपति जॉन मागुफुली (John Magufuli) भी शामिल हैं. लेकिन अब मागुफुली को लेकर एक सनसनीखेज दावा किया गया है.

दरअसल, तंजानिया के मुख्य विपक्षी नेता ने कहा है कि राष्ट्रपति जॉन मागुफुली कोरोनावायरस से संक्रमित हो गए हैं और भारत (India) में अपना इलाज करा रहे हैं. हालांकि, भारत ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है.