खुलेआम चीन के राष्ट्रपति ने दिया ये बड़ा बयान, कहा अगर वो पूरी…

शी जिनपिंग ने बोला कि कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर चाइना ने कभी भी संसार से कोई जानकारी नहीं छिपाई। जबकि हकीकत ये है कि अमेरिका समेत कई देश कह चुके हैं कि उनके पास इस बात के पक्के सबूत हैं कि चाइना के दबाव की वजह से ही दुनिया स्वास्थ्य संगठन ने वक्त रहते संसार के राष्ट्रों के लिए कोरोना की चेतावनी जारी नहीं की।

 

आज शी जिनपिंग ने ये भी बोला कि अगर, चाइना कोरोना की वैक्सीन बना लेता है तो वो पूरी संसार की जनता का ख्याल रखते हुए, सभी को फ्री में वैक्सीन उपलब्ध करवाएगा, लेकिन सोचने वाली बात ये है कि, संसार के राष्ट्रों ने पैसे देकर चाइना से जो PPE किट्स, मास्क व मेडिकल उपकरण खरीदे, जब वो ही इतनी घटिया क्वालिटी के हैं तो चाइना की वैक्सीन की क्वालिटी की क्या गांरटी होगी।

शी जिनपिंग ने आज ऐलान किया है। उन्होंने बोला है कि चीन, कोरोना महामारी से आर्थिक व सामाजिक तौर पर प्रभावित विकासशील राष्ट्रों को 2 बिलियन डॉलर यानी करीब 15 हजार 166 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद देगा।

यानी चाइना अब, पैसे के दम पर ये दिखाने की प्रयास भी कर रहा है कि वो कोरोना महामारी से पीड़ित संसार को लेकर कितना चिंतित है।

लेकिन अगर चाइना वास्तव में इतना ही चिंतित है, तो उसे कोरोना वायरस के फैलने की अंतरराष्ट्रीय जाँच का समर्थन करना चाहिए था। लेकिन शी जिनपिंग ने आज ऐसा कुछ नहीं किया।

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ये बयान, जेनेवा में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो रही, World Health Assembly की 73वीं सालाना मीटिंग में दिया है जो दुनिया स्वास्थ्य संगठन के निर्णय लेने वाली सबसे बड़ी बॉडी है।

इस साल कोरोना वायरस की वजह ये बैठक, सिर्फ दो दिन के लिए रखी गई है। ये मीटिंग ऐसे वक्त में हो रही है जब दुनियाभर में कोरोना के 48 लाख से ज्यादा मुद्दे सामने आ चुके हैं व तीन लाख 17 हजार से ज्यादा लोग मारे गए हैं। जाहिर है, इस मीटिंग में कोरोना का मामला छाया रहा।

चाइना पर आरोप लगता रहा है कि कोरोना वायरस महामारी की आरंभ में उसने जानकारियां छिपाईं, जिससे संसार भर में संक्रमण फैल गया।

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने तो खुलेआम बोला कि कोरोना वायरस, चाइना ने प्रयोगशाला में पैदा किया व इसे लेकर उनके पास पर्याप्त सबूत हैं।

और अब चार महीने बाद, चाइना के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। सोमवार को शुरु हुई दुनिया स्वास्थ्य संगठन की सालाना मीटिंग में शी जिनपिंग ने अपने 11 मिनट के सम्बोधन में मुख्य तौर से तीन बातें बोली, जिनपर विश्वास करना बहुत कठिन है।