वीगर मुसलमानों को लेकर चीन के राष्ट्रपति ने की इस देश के राष्ट्रपति से फ़ोन पर बात, जानिए सबसे पहले…

तुर्की के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हामी अक्सोय ने कहा था कि चीन का यह क़दम मानवता के ख़िलाफ़ है. तुर्की के अलावा दुनिया के किसी भी मुस्लिम देश ने चीन के इस रुख़ के ख़िलाफ़ आवाज़ नहीं उठाई थी. पाकिस्तान में इस्लाम के नाम पर कई चरमपंथी संगठन हैं लेकिन ये चरमपंथी संगठन भी चीन के ख़िलाफ़ शायद ही कोई बयान देते हैं.

 

सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन-सलमान से भी चीन में मुसलमानों को नज़रबंदी शिविरों में रखे जाने पर सवाल पूछे गए थे तो उन्होंने चीन का बचाव किया था. सलमान ने कहा था, ”चीन को आतंकवाद के ख़िलाफ़ और राष्ट्र सुरक्षा में क़दम उठाने का पूरा अधिकार है.” सलमान ने इसे आतंकवाद और अतिवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई क़रार दिया था.

इसके अलावा अर्दोआन ने शी जिनपिंग से कहा कि तुर्की और चीन के बीच वाणिज्यिक और राजनयिक संबंधों को लेकर बड़ी संभावनाएं हैं, दोनों नेताओं ने ऊर्जा, व्यापार, परिवहन और स्वास्थ्य सहित विभिन्न क्षेत्रों पर चर्चा की.

दिलचस्प है कि चीन में वीगर मुसलमानों के ख़िलाफ़ उसकी क्रूरता को लेकर मुस्लिम देशों में ख़ामोशी रहती है. पहली बार तुर्की ने 2019 में 10 फ़रवरी को चीन के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई थी और कहा था कि चीन ने लाखों मुसलमानों को नज़रबंदी शिविर में बंद रखा है. तुर्की ने चीन से उन शिविरों को बंद करने की मांग की थी. हालाँकि इसके बाद अर्दोआन सरकार तेवर भी इस मामले में नरम पड़ता गया.

चीन ने शुरुआत में इन हिरासत शिविरों के होने से इनकार किया था लेकिन बाद में कहा कि वो वोकेशनल सेंटर हैं और आतिवाद से लड़ाई के लिए बनाए गए हैं. हालांकि, चीन ने प्रताड़ना के सभी आरोपों से इनकार किया है.

राष्ट्रपति कार्यालय के बयान के मुताबिक, ”अर्दोआन ने कहा कि तुर्की के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वीगर तुर्क चीन के समान नागरिकों के रूप में समृद्धि और शांति से रहें. उन्होंने चीन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए तुर्की के सम्मान की बात भी की.”

चीन पर वीगर मुसलमानों को हिरासत में रखने और उन्हें प्रताड़ित करने के आरोप लगते रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों और मानवाधिकार समूहों के अनुमान के मुताबिक़ दस लाख से भी ज़्यादा, मुख्यतौर पर तुर्की बोलने वाले वीगर और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यकों को हाल के सालों में चीन के पश्चिमी शिनजियांग इलाक़े में हिरासत में लिया गया है.

तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ फ़ोन पर बातचीत में वीगर मुसलमानों का मसला उठाया. उन्होंने चीनी राष्ट्रपति से मंगलवार को कहा कि तुर्की के लिए ये महत्वूपर्ण है कि वीगर मुसलमान ”चीन के समान नागरिकों” के तौर पर शांति से रहें लेकिन उन्होंने कहा कि तुर्की चीन की राष्ट्रीय संप्रभुता का सम्मान करता है.

न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक तुर्की के राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से इस बातचीत को लेकर एक बयान जारी किया गया, जिसमें बताया गया कि दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मसलों पर भी बात हुई.