रात होते ही चीन के राष्ट्रपति ने उठाया ये बड़ा कदम, सेना को कहा…

वर्तमान में रिजर्व बल सैन्य अंगों और स्थानीय कम्युनिस्ट पार्टी समितियों के संयुक्त नेतृत्व में है जिन्हें अब 1 जुलाई से सीपीसी और सीएमसी के अधीन लाया जा रहा है।

चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने 2017 में रिजर्व बल की शक्ति कम करने और सेना में सुधार के तहत इसे केंद्रीय नेतृत्व के नियंत्रण में लाने की योजना बनाई थी।

इन सुधारों में विश्व के सबसे बड़े सैन्य बल में तीन लाख सैनिकों की संख्या घटाकर 20 लाख करना भी शामिल था। फरीद जकारिया ने लिखा है कि कोरोना महामारी का फायदा उठाकर चीन टकराव की विदेश नीति अपनाकर पूरी दुनिया में अपना प्रभाव बढ़ाने में लगा है।

हालांकि, हाल ही में सीमा पर भारत के खिलाफ उकसावे की कार्रवाई चीन की रणनीतिक भूल है।एक अमेरिकी पत्रकार ने चीन और राष्ट्रपति शी जिनपिंग को लेकर चौंकाने वाला खुलासा किया है ।

पत्रकार फरीद जकारिया ने वाशिंगटन पोस्ट में लिखा है कि चीन में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी का वर्चस्व बनाए रखने के लिए राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सैन्य रिजर्व बल को 1 जुलाई से अपने नियंत्रण में ले लिया है।

दरअसल इस बल को कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (CPC) और सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (CMC) के केंद्रीकृत और एकीकृत नियंत्रण में रखा गया है और इन दोनों के प्रमुख राष्ट्रपति जिनपिंग ही हैं।