अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने पाकिस्तातान को दिखाया आईना, कह डाली ये बात

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुसार इमरान सरकार ने राष्ट्रपति गनी के इस बयान को गंभीरता से लिया है और अफगानिस्तान से कड़ा विरोध व्यक्त किया है।

प्रवक्ता ने कहा कि तालिबान के संबंध में जो भी बात कही गई हैं उनका कोई आधार नहीं है। ये सभी आरोप बेबुनियाद हैं। ऐसे आरोप लगाने से एक दूसरे के प्रति विश्वास में कमी आती है।

विदेश कार्यालय की ओर से जारी बयान में मुताबिक कि पाकिस्तान ने हाल ही में गैर जिम्मेदाराना बयानों और अफगान नेतृत्व द्वारा लगाए गए निराधार आरोपों पर इस्लामाबाद में अफगानिस्तान के राजदूत से कड़ी आपत्ति दर्ज करा अफगान पक्ष को अपनी गंभीर चिंताओं से अवगत कराया है। बयान में अफगान पक्ष से अनुरोध किया गया है कि सभी द्विपक्षीय मसलों के लिए उपलब्ध मंचों का प्रभावी इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

बता दें कि एक दिन पहले राष्ट्रपति गनी अफगानिस्तान में आंतकवाद और अशांति के लिए सीधे तौर पर पाक को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा था कि पाक ने तालिबान को समर्थन देने के लिए संगठित प्रणाली विकसित कर रखी है। तालिबान के सभी कार्य पाक से ही संचालित होते हैं। यहां तक कि तालिबान की भर्ती भी पाकिस्तान में ही होती है।

उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान लंबे समय से हक्कानी नेटवर्क से लेकर तालिबान तक सभी आतंकवादी संगठनों की पनाहगाह बना हुआ है। अफगानी राष्ट्रपति ने ये भी कहा था तालिबान का पाक में एक प्रभाव क्षेत्र है।

यहां तीन शहरों क्वेटा, मीरमशाह और पेशावर में शूरा बने हुए हैं। यही तीनों शूरा तालिबान के निर्णय लेते हैं। उन्होंने पाक से यह भी कहा था कि अब वह देखे कि अफगानिस्तान से दोस्ती चाहता है या दुश्मनी।

अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने आंतकवाद को लेकर पाकिस्तातान को आईना दिखा दिया है। तालिबान के मसले पर अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने पूरी दुनिया के सामने ऐसा बयान दिया है जिससे पाकिस्तान तिलमिला उठा है।

यहां तक कि पाक ने अफगानिस्तान के राजदूत को बुलाकर उनके राष्ट्रपति के बयान पर कड़ी आपत्ति तक जता दी है। पाकिस्तान ने सोमवार को अफगानिस्तान के राजदूत नजीबुल्लाह अलीखेल को आपत्ति पत्र जारी किया। हालांकि विदेश कार्यालय ने उस बयान का स्पष्ट उल्लेख नहीं किया है जिसकी वजह से पाकिस्‍तानी सरकार नाराज है।