मौत से बचने के लिए निर्भया के दोषियों ने अभी – अभी किया ऐसा, राष्ट्रपति के पास…

निर्भया के चार दोषियों में से दो की क्यूरेटिव पिटीशन को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है, जिसमें से एक ने दया याचिका लगाई है। बाकी दो के पास क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका दोनों का विकल्प बचा हुआ है।

 

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों को 22 जनवरी की सुबह 7 बजे फांसी की तारीख तय की है। लेकिन दोषी के वकील ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अभी दोषी की दया याचिका राष्ट्रपति के पास है।

ऐसे में अगर राष्ट्रपति दया याचिका खारिज भी कर देते हैं तो उसके बाद दोषियों को 14 दिन का वक्त देने का प्रावधान है। ऐसे में 22 जनवरी को निर्भया के दोषियों को फांसी देना मुश्किल लग रहा है।

दक्षिणी दिल्ली के मुनिरका बस स्टॉप पर 16-17 दिसंबर 2012 की रात पैरामेडिकल की छात्रा अपने दोस्त को साथ एक प्राइवेट बस में चढ़ी। उस वक्त पहले से ही ड्राइवर सहित 6 लोग बस में सवार थे। किसी बात पर छात्रा के दोस्त और बस के स्टाफ से विवाद हुआ, जिसके बाद चलती बस में छात्रा से गैंगरेप किया गया।

निर्भया केस के चारों दोषियों में से एक मुकेश को बड़ा झटका लगा है। मुकेश की दया याचिका को दिल्ली सरकार ने गृह मंत्रालय के पास भेजा है।

एलजी (उपराज्यपाल) अनिल बैजल ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फाइल भेजकर याचिका को खारिज करने की सिफारिश की है। मुकेश ने दया याचिका को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में भी एक याचिका लगाई है, जिसमें दलील दी है कि जबतक राष्ट्रपति के पास दया याचिका है, तब तक उसके डेथ वॉरंट पर रोक लगा दी जाए। यानी 22 जनवरी को फांसी की तारीफ को टाल दिया जाए।