पाकिस्तान में अभी – अभी हुआ ये, भागते नजर आए लोग

यह जानकारी खुद प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दी. कोरोना से लड़ने के लिए धन जुटाने को आयोजित तीन घंटे के टेलीथॉन की अध्यक्षता करते हुए प्रधानमंत्री इमरान खान ने यह खुलासा किया.

 

उन्होंने कहा कि कोरोना के संदिग्ध मरीजों का पता लगाने के लिए सरकार आईएसआई प्रणाली का उपयोग कर रही है, जिसे आतंकियों का पता लगाने के लिए बनाया गया था.

कई लोकल चैनलों पर लाइव एहसास नामक टेलीथॉन को संबोधित करते हुए इमरान खान ने कहा कि इस बीमारी के खिलाफ लड़ने के लिए लॉकडाउन कोई विकल्प नहीं है.

पता लगाने और परीक्षण करने को ही फिर से कारोबार पटरी पर लाने का रास्ता बताते हुए उन्होंने कहा कि पूर्ण लॉकडाउन को देश की संघर्षशील अर्थव्यवस्था बर्दाश्त नहीं कर पाएगी.

इमरान खान ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने और लोगों की सुरक्षा के बीच संतुलन को आवश्यक बताते हुए कहा कि इस संबंध में जो भी फैसला होगा, वह सभी पाकिस्तानियों के लिए होगा, केवल संभ्रांत लोगों के लिए नहीं. उन्होंने कहा कि सरकार स्मार्ट लॉकडाउन के विकल्प पर विचार कर रही है.

इमरान ने कोरोना से लड़ने के लिए देशवासियों से एकजुट होने की अपील करते हुए कहा कि आर्थिक दृष्टि से कई चुनौतियां आगे हैं.

प्रधानमंत्री के इस बयान ने कई लोगों को चौंका दिया. खुफिया एजेंसी का इस्तेमाल कोरोना के संदिग्धों की तलाश में किए जाने को लेकर लोगों के मन में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई है.

वैश्विक महामारी बन चुकी कोरोना की बीमारी से 200 से अधिक देश प्रभावित हैं. पाकिस्तान में भी कोरोना पीड़ितों की तादाद 11000 के पार पहुंच चुकी है.

कोरोना पीड़ितों की पहचान के लिए दुनिया जहां रैपिड टेस्ट जैसे साधनों का इस्तेमाल कर रही है, वहीं पाकिस्तान में कोरोना के मरीजों की तलाश के लिए खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) का इस्तेमाल हो रहा है.