पाकिस्तान से सटे सीमावर्ती गावों के लोगो ने बयाँ किया ऐसा दर्द, पूरी सच्चाई जानकर खौलने लगेगा खून आएंगे आंसू

कठुआ जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में लोग पाकिस्तान की नापाक हरकतों से परेशान हो चुके हैं। टीम ने इन क्षेत्रों में जाकर लोगों का हाल जाना। इस दौरान ग्रामीणों ने कुछ ऐसी बातें कही जिन्हें सुनकर किसी के भी आंसू निकल आएं। इतनी ही नहीं पाकिस्तान की नापाक हरकतों पर खून खौलने लगेगा। एक ग्रामीण ने कहा कि हमारा गांव बॉर्डर पर बसा है।

आए दिन पाकिस्तान की ओर से हो रही गोलाबारी के कारण जिंदगी जहन्नुम बन चुकी है।रोजाना की गोलाबारी से सरकार राहत दिलाए। या तो पाकिस्तान को खत्म कर दिया जाए या फिर सीमा पर रहने वाले लोगों को जहर दे दिया जाए। फसल काटने का समय हो या लगाने का पाकिस्तान की ओर से गोलाबारी शुरू हो जाती है।

जवान बच्चियों को लेकर बार-बार कहां जाएं। यह दर्द वार्ड चार छन्न लाल दीन गांव की पंचायत सदस्य आशा रानी ने बयां किया।शुक्रवार सुबह रोशनी की पहली किरण फूटते ही छन्न लाल दीन गांव के लोगों का गुस्सा भी फूट पड़ा। गांव के हर घर की कहानी लगभग एक सी है। बच्चे रात भर नहीं सोए। सुबह डर के मारे स्कूल नहीं जाना चाहते।

रात को चूल्हा चौका शाम ढलने से पहले करना मजबूरी बन गया है।ग्रामीण यह सुनिश्चित करते हैं कि परिवार का कोई सदस्य शाम ढलने के बाद घर से बाहर न रहे। मगर घरों में भी कहां सुरक्षित है। ऐसे में सीमावर्ती ग्रामीणों के लिए पिछले ढाई महीने से आगे कुंआ पीछे खाई वाली स्थिति बनी हुई है।

पांच-पांच मरले पर प्लाट देने की मांग की जाती रही है, ताकि सुरक्षित जगह पर पनाह मिल सके।गांव की सीता देवी ने बताया कि गुरुवार और शुक्रवार की मध्यरात्रि भी पूरा इलाका धमाकों से गूंजता रहा है। परिवार के सदस्य पूरी रात नहीं सो पाए। यहां के लोग ऐसी जिंदगी से अब तंग आ चुके हैं।

गांव का एक बुजुर्ग पिछले आठ साल से चलने-फिरने में असमर्थ है और देर रात जिस कमरे में वह चारपाई पर था, वहां गोलियां आकर गिरीं। बुजुर्ग ने भी नम आंखों से आपबीती कही।छन्न लाल दीन के सरपंच विक्रम सिंह ने कहा कि रात के समय भारी गोलाबारी हो रही है। बच्चे रातभर दहशत में नहीं सोते, ऐसे में सुबह स्कूल कैसे जाएंगे।

गांव के कई मकान भी गोलियों से छलनी होते रहे हैं। प्रशासन को चाहिए कि ग्रामीणों को गोलाबारी से पहले शिफ्ट किया जाए। चूंकि गोलाबारी रात के समय हो रही है और पिछले ढ़ाई महीनें से लोगों का जीना मुहाल हो गया है।