अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रही अंतर्कलह , कुर्सी बचाने की कवायद

राजस्थान में एक ओर जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रही अंतर्कलह से कांग्रेस टेंशन में है, वहीं सीएम गहलोत राज्यसभा चुनाव के जरिये अपनी कुर्सी बचाने की कोशिश में जुटे हैं।

राज्यसभा चुनाव के बाद सूबे की कमान पायलट को सौंपे जाने की अटकलों के बीच सीएम गहलोत राज्यसभा चुनाव का गणित साधने में लगे हैं। सूबे के 13 निर्दलीय विधायकों में से 10 विधायकों ने मंगलवार रात को मुख्यमंत्री निवास में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस के राज्यसभा उम्मीदवारों से मुलाकात की।

पार्टी सूत्रों ने बताया कि मुलाकात के दौरान राजस्थान में 10 जून को होने वाले राज्यसभा चुनावों पर चर्चा की गई। मुलाकात के दौरान कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार मुकुल वासनिक, प्रमोद तिवारी और रणदीप सुरजेवाला भी मौजूद थे। राजस्थान में राज्यसभा की चार सीटों के लिए 10 जून को चुनाव होगा।

कांग्रेस ने तीन उम्मीदवार चुनाव में उतारे हैं और भाजपा ने एक उम्मीदवार को चुनाव में उतारा है जबकि भाजपा ने हरियाणा के राज्यसभा सांसद और मीडिया कारोबारी सुभाष चंद्रा का समर्थन किया है। सुभाष चंद्रा ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया है। कांग्रेस को तीन सीटों पर जीत के लिए निर्दलीय विधायकों और अन्य दलों के विधायकों के समर्थन की उम्मीद है।

आपको बता दें कि राजस्थान में राज्यसभा चुनाव के बाद बदलाव होने के कयास लगाए जा रहे हैं। राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के ऐलान के बाद प्रदेश कांग्रेस में जिस तरह विरोध के स्वर उभर कर आए हैं, उसको लेकर पार्टी गंभीर हैं। पार्टी का कहना है कि संभावित बदलाव संगठन और सरकार दोनों स्तर पर किया जा सकता है। कांग्रेस आलाकमान को यह संदेश भी गया है कि सीएम गहलोत की कांग्रेस के स्थानीय नेताओं और विधायकों पर पकड़ कमजोर हुई है। ऐसे में गहलोत राज्यसभा चुनाव का गणित साधकर एकबार फिर अपनी कुर्सी को बचाने का मजबूत दावा ठोकने की तैयारी में हैं।