सामने आई ये बड़ी खबर , मारे गए चीन के इतने सैनिक, छुपकर बहा रहे आंसू

गलवान वैली में उनके प्लान के मुताबिक ही पहले काफी हथियार जमा किए गए और अपनी सेना के रहने के लिए एक इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया गया. झाओ झोंग्की के कहने पर ही चीनी सेना ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया था.

एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी इंटेलिजेंस की इस रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने बाकायदा लद्दाख के उस हिस्से पर कब्ज़ा करने के लिए चीनी आर्मी के वेस्ट थियेटर कमांड के प्रमुख जनरल झाओ झोंग्की को जिम्मेदारी सौंपी थी.

चीनी सैनिकों ने किया हमलाइस रिपोर्ट में भी माना गया है कि 15 जून को जब भारत के कुछ अफसर और जवान चीन से बात करने पहुंचे थे, तो चीनी सैनिक पहले से ही हथियारों के साथ घात लगाकर बैठे थे. उनका प्लान भारतीय सेना को उकसाना था और इसमें वे सफल भी रहे.

हालांकि पास ही भारतीय जवानों की एक और टुकड़ी गश्त पर थी. वो बचाव के लिए आ गयी और ये एकतरफा झड़प एक हिंसक संघर्ष में तब्दील हो गयी. रिपोर्ट के मुताबिक जनरल झाओ झोंग्की इससे पहले वियतनाम की लड़ाई और फिर साल 2017 में हुए डोकलाम विवाद में भी अहम भूमिका निभा चुके हैं.

अमेरिकी (US) ख़ुफ़िया एजेंसी भी भारत-चीन के सैनिकों के बीच लद्दाख की गलवान वैली में हुई हिंसक झड़प (India-china border faceoff) के बाद पैदा हुए तनावपूर्ण हालातों पर नज़र रखे हुए है.

अब इन्हीं ख़ुफ़िया एजेंसियों ने इस पूरे मामले पर एक रिपोर्ट दी है, जिसमें चीन (China) के मंसूबों का पर्दाफाश होता नज़र आ रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने सोचा था कि उसे गलवान वैली में कब्जा ज़माने के लिए संघर्ष का सामना नहीं करना पड़ेगा, लेकिन उसका ये अंदाजा गलत निकला और 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए और 35 चीनी सैनिक भी मारे गए. हालत ये है कि अपने मारे गए सैनिकों की याद में चीन अब ख़ुफ़िया तरीके से प्रार्थना सभा का आयोजन करने के लिए मजबूर है.