नागरिकता संशोधन बिल 2019 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने स्वीकृति दे दी है। गुरुवार देर रात राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने विधेयक पर अपने दस्तखत कर दिए, जिसके बाद नागरिकता संशोधन बिल ने कानून का रूप ले लिया है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद के उच्च सदन में दोपहर 12 बजे नागरिकता संशोधन बिल को पेश किया था, जिसके बाद इस बिल पर राज्यसभा में चर्चा हुई।
इस दौरान विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया था। विपक्षी नेताओं के सवाल के जवाब का केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब दिया था। इसके बाद राज्यसभा में यह बिल पारित हो गया था। बता दें कि नागरिकता संशोधन बिल के तहत अफगानिस्तान, बांग्लादेश व पाक से धार्मिक प्रताड़ना की वजह से हिंदुस्तान आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी व ईसाई समुदायों के लोग भारतीय में नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं व उन्हें हिंदुस्तान की नागरिकता दी जाएगी।
बता दें कि इसमें मुस्लिम शरणार्थियों को शामिल नहीं किया गया है। इसी वजह से विपक्ष इस बिल का विरोध कर रहा है। सोमवार को लोकसभा में इस बिल को स्वीकृति मिली थी। बीते सोमवार को लोकसभा में बिल के पक्ष में 311 मत व विरोध में 80 वोट पड़े थे। विपक्ष के कुछ संशोधनों पर मत विभाजन भी हुआ था।