चीन के खिलाफ उतरी चार देशों की नौसेनाएं, दागी मिसाइले…

सामरिक मामलों के जानकार सुशांत सरीन के मुताबिक, ‘मालाबार युद्धाभ्यास’ को सिर्फ नौसेनाओं का अभ्यास नहीं समझना चाहिए बल्कि इसके जरिए भारत, अमरीका, जापान और ऑस्ट्रेलिया को मिलकर पूरी दुनिया को एक संदेश देने की जरूर है।

ये चारों देश इस क्षेत्र में एक बड़ी ताकत बनकर सामने आएंगे। पूर्वी लद्दाख में चीन से गतिरोध के बीच भारत-प्रशांत क्षेत्र से चार बड़ी नौसेनाओं की भागीदारी चीन को एक संदेश देगी।

चार दिनों तक जारी यह बहुपक्षीय नौसैनिक युद्धाभ्यास होगा। जिसमें नौसेनाएं द्वारा युद्ध जैसे हालात को पैदा किया जाता है। इसके बाद युद्धाभ्यास में शामिल देशों की नौसेनाएं आपस में संघर्ष करती है। विशेषज्ञों के मुताबिक, ये पहली बार हुआ है जब इतने बड़े स्तर पर नौसेनाएं एक साथ, एक महासागर में युद्धाभ्यास कर रही है।

इस युद्धाभ्यास में चारों देशों का एक ही उद्धेश्य है और वो है चीन को रोकना। इन दिनों चीन का दबदबा दक्षिण चीन सागर में बढ़ता जा रहा है। जिसे रोकने के लिए ही चारों देश एक साथ हिंद महासागर में उतरें है।

जिससे चीन काफी परेशान है। चीन को रोकने के लिए इस साल दो चरणों में युद्धाभ्यास होगा। जिसमें पहला मंगलवार को शुरू हो चुका है। ये युद्धाभ्यास विशाखापत्तनम के पास तट पर हो रहा है और दूसरा युद्धाभ्यास नवंबर में होगा। इस दौरान चारों देशों के नौसेनाएं अरब सागर में टकराएगी।

LAC पर भारत और चीन का तनाव चरम पर है। दोनों देशों की सेनाओं के बीच कई बार हिंसक झड़प हो चुकी है लेकिन इस तनाव के बीच मंगलवार को मालाबार युद्धाभ्यास शुरू हो गया है। जिससे चीन की नींद उड़ गई है।

इस युद्धाभ्यास में विध्वंसक मिसाइलों से लैस चार देश शामिल हुए है। जिसमें भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल है। ये चारों देश हिंद महासागर में अपनी ताकत और युद्ध कौशल का नमूना दिखा रहे है और चारों देशों की नौसेनाओं का ये प्रदर्शन चार दिन तक जारी रहेगा। भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया की नौसेनाओं का युद्धाभ्यास 3 से 6 नवंबर तक जारी रहेगा। जिसमें हर देश अपनी ताकत का प्रदर्शन करेगा।