शोधकर्ताओं ने पाया है कि कोरोना मरीजों के नाखूनों में ब्यूज लाइन्य यानि खूनों में खांचे बन जाते हैं. कोरोना के ऐसे लक्षण किसी भी नाखुन में दिख सकते हैं लेकिन ज्यादातर अंगूठे के नाखुन में ऐसा दिखाई पड़ता है.
अगर आप नाखून पर हाथ लगाते हैं तो आपको वो चिकने नहीं लगेंगे. हालांकि अभी इस विषय पर गहराई से रिसर्च करने की जरूरत है. शोध में इस बात का भी पता लगा है कि जिन मरीजों को कोरोना से पहले हाथ-पैर या मुंह की बीमारी थी, उनके नाखून ज्यादा खराब हुए हैं.
शोध में पाया गया है कि कुछ कोरोना मरीजों के नाखूनों में लाल रंग की लाइन बन जाती है. शोधकर्ताओं ने इसे रेड हॉप मून साइन का नाम दिया है. इसमें नाखून के ऊपर लाल रंग का एक बैंड बन जाता है.
शोधकर्ताओं का कहाना है कि कोरोना मरीजों का शरीर काफी कमजोर हो जाता है, जिसके कारण नाखूनों पर इसका असर दिखने लगता है. रोगियों ने कोविड संक्रमण का पता लगने के दो सप्ताह से भी कम समय में इसे देखा है.
ब्रिटेन में कोरोना पर किए गए एक शोध में बताया गया है कि कोरोना का असर मरीज के नाखूनों पर भी पड़ता है. शोध में इस बात का जिक्र है कि नाखून से भी पता लगाया जा सकता है .
इंसान कितना स्वस्थ है. हालांकि शोध में कोरोना के बारे में बताते हुए कहा गया है कि कोरोना मरीजों के नाखून का रंग फीका पड़ जाता है और कोरोना संक्रमित होने के बाद उनका आकार भी बदलने लगता है. इसे कोविड नेल्स कहा जाता है.
यूके के जोए कोविड स्टडी सेंटर के मुख्य रिसर्चर टिम स्पेक्टर ने कोरोना के बाद नाखूनों में होने वाले बदलाव की पहचान की है. हालांकि ये पहला मौका है .
जब किसी शोध में नाखूनों का जिक्र किया गया है. कोरोना रिपोर्ट निगेविट आने के बाद भी मरीजों में लंबे समय तक कई तरह की दिक्कत आती है. कोविड नेल्स भी इन्हीं लक्षणों में से एक हैं.
दुनियाभर में कोरोना वायरस (Coronavirus) अभी भी एक रहस्य बना हुआ है. यही कारण है वैज्ञानिक लगतार कोरोना पर शोध (Research) कर रहे हैं.
कोरोना मरीजों (Corona Patients) में बुखार आना, थकान लगना, स्वाद और गंध का न आना जैसे मुख्य लक्षणों के अलावा भी कई ऐसे लक्षण हैं जिसे देखकर पता लगाया जा सकता है कि इंसान कोरोना संक्रमित है या नहीं. कोरोना (Corona) पर नजर रख रहे विशेषज्ञों के मुताबिक नाखून (Nails) में हो रहे बदलाव को देखकर भी कोरोना संक्रमण के बारे में पता लगाया जा सकता है.