धोनी की डाट सुनकर रो पड़ा ये खिलाडी, अब बने आंखों के तारे

भारतीय टीम के पूर्व कैप्टन महेंद्र सिंह धौनी एक साधारण खिलाड़ी से भी खास प्रदर्शन निकलवाना अच्छे से जानते हैं. 2007 टी-20 दुनिया कप फाइनल में जोगिंदर शर्मा से अंतिम ओवर निकलवाकर उन्होंने खिताब जिताया था.

2018 में जब चेन्नई सुपरकिंग्स ने प्रतिबंध के बाद आइपीएल में वापसी की तो धौनी की नजरें आगरा के युवा तेज गेंदबाज दीपक चाहर पर आकर टिकी. सीएसके टीम में धौनी के मुख्य हथियार चाहर ही थे. जो धौनी के लिए शुरुआती ओवरों में विकेट दिलाने की गारंटी थे. सच्चाई यही है कि जिस खिलाड़ी पर धौनी की निगाह पड़ी  हिंदुस्तान के सबसे सफलतम कैप्टन का भरोसा जीता.

बने धौनी की आंखों के तारे

यूं तो 2011 में ही दीपक राजस्थान रॉयल्स टीम का भाग बन चुके थे, लेकिन यहां उन्हें कम ही मौके मिले. इसके बाद जब राजस्थान  सीएसके पर प्रतिबंध लगा तो धौनी ने उनकी प्रतिभा को पहचाना  उन्हें राइजिंग पुणे सुपरजाइंट्स टीम में शामिल कराया. यहां से दीपक की भाग्य बदलती चली गई. धौनी समझ चुके थे कि दीपक में नयी गेंद से विकेट लेने की गजब की क्षमता है. यही वजह है कि जब 2018 में सीएसके की आइपीएल में वापसी हुई  उनकी टीम पर बुजुर्गों की टीम का तमगा लगा तो दीपक, धौनी की पीली आर्मी (चेन्नई सुपरकिंग्स) के सबसे युवा  सबसे खतरनाक यौद्धा बनकर उभरे.

2010 में गेंदों पर नचाया

27 वर्षीय दीपक ने अपना पहला प्रथम श्रेणी मैच 2010 में राजस्थान की ओर से हैदराबाद के विरूद्ध जयपुर में खेला था. अपने पदार्पण मुकाबले में ही दीपक ने 7.3 ओवर में मात्र 10 रन देकर आठ विकेट चटकाए थे  हैदराबाद की पूरी टीम मात्र 21 रनों पर ढेर हो गई थी. इसके बाद दूसरी पारी में भी दीपक ने चार विकेट लिए थे.

दीपक चाहर का बेस्ट प्रदर्शन

बांग्लादेश के विरूद्ध तीन मैचों की सीरीज के आखिरी  सीरीज डिसाइडर मैच में दीपक चाहर ने अकेल दम पर बाजी पलट दी. एक समय ऐसा था जब एक गेंदबाज की कमी खल रही थी, लेकिन दीपक चाहर ने हैट्रिक के साथ-साथ महज 7 रन देकर 6 विकेट झटके  भारतीय टीम को मैच के साथ-साथ तीन मैचों की सीरीज भी जिताकर कमाल कर दिया.