भारत में हुआ ये बड़ा बदलाव, महिलाओ पर लागू हुई ये नयी सीमा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई . सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि इस उद्देश्य के लिए गर्भपात अधिनियम (मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी एक्ट) 1971 में संशोधन किया जायेगा .

 

इसके लिए संसद के आगामी सत्र में विधेयक लाया जायेगा. वहीं, सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, गर्भावस्था के 20 सप्ताह तक गर्भपात कराने के लिए एक चिकित्सक की राय लेने की जरूरत का प्रस्ताव किया गया है .

जबकि गर्भावस्था के 20 से 24 सप्ताह तक गर्भपात कराने के लिए दो चिकित्सकों की राय लेना जरूरी होगा.केंद्रीय कैबिनेट ने आज मेडिकल टर्मिनेशन प्रेग्नेंसी(अमेंडमेंट) बिल 2020 को मंजूरी दे दी है.

यह बिल मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट, 1971 में संशोधन करेगा. नया बिल आगामी संसद सत्र में प्रस्तुत किया जायेगा.

मंत्रिमंडल ने गर्भपात कराने की अनुमति के लिए अधिकतम सीमा 20 सप्ताह से बढ़ाकर 24 सप्ताह करने को अनुमति दी है.