मारे गए गैंगस्टर विकास दुबे के परिवारवालो के विरूद्ध अब होगा ये, शुरू की तैयारी…

सियासी संरक्षण और पुलिस की मिलीभगत से पनपे गैंगस्टर विकास के आपराधिक और आर्थिक साम्राज्य की परतें खोलने के लिए लखनऊ से दिल्ली तक सक्रियता बढ़ी हुई है.

प्रवर्तन निदेशालय जल्द ही मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत मुद्दा दर्ज करेगा.प्रवर्तन निदेशालय यह भी जाँच करेगा कि क्या विकास, उसके परिवार और सहयोगियों ने देश-विदेश में गैरकानूनी चल-अचल संपत्ति खरीदी थी?

सूत्रों के मुताबिक, विकास के एक सहयोगी ने दुबई व थाइलैंड में संपत्तियां खरीदी थीं. यह भी आरोप है विकास ने लखनऊ में 20 करोड़ से एक घर खरीदा था.

इसके अलावा, नामी-बेनामी 20 से ज्यादा मकान और फ्लैट हैं. नोटबंदी से पहले 6.30 करोड़ रुपये ब्याज पर भी दिए थे. वह एक बड़े कारोबारी के लिए प्रॉपर्टी डीलिंग व मनी लॉन्ड्रिंग का भी कार्य करता था.

आरोप है, विकास ने आपराधिक गतिविधियों से अकूूत संपत्ति अर्जित की थी. उत्तर प्रदेश और आसपास इलाकों में दुबे और उसके परिवार की दो दर्जन से ज्यादा नामी व बेनामी संपत्ति, बैंक डिपॉजिट केंद्रीय एजेंसी के रडार पर हैं

निदेशालय ने विकास, उसके परिवार व सहयोगियों के गैरकानूनी लेनदेन व अकूत संपत्ति की जाँच तेज कर दी है. प्रवर्तन निदेशालय ने पुलिस से विकास और उसके सहयोगियों के विरूद्ध दर्ज एफआईआर, चार्जशीट व सभी मामलों में जानकारी मांगी है.

इस बीच, प्रदेश सरकार ने विकास की पूरी आपराधिक कुंडली खंगालने और अफसरों-पुलिसकर्मियों की मिलीभगत के आरोपों की जाँच के लिए विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) बनाया है.

अलावा मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में दल में अपर पुलिस महानिदेशक हरिराम शर्मा और पुलिस महानिरीक्षक जे। रवींद्र गौड़ मेम्बर होंगे. दल को 31 जुलाई तक रिपोर्ट देनी है.

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मारे गए गैंगस्टर विकास दुबे के परिवार व सहयोगियों के विरूद्ध जल्द ही मनी लॉन्ड्रिंग की शिकायत दर्ज करने की तैयारी में है.

 

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