माउंट एवरेस्ट पर चीन खीच रहा रेखा, जानिए क्या करने वाला है आगे…

कोरोना के चलते चीन की तरफ से चढ़ाई करने वाले पर्वतारोहियों को नेपाल की ओर से आने वाले किसी भी व्यक्ति से संपर्क करने से प्रतिबंधित किया गया है और शिखर पर रखी हुई चीजों को भी छूने से मना किया गया है। हालांकि अभी ये साफ नहीं किया गया है कि तिब्बती गाइड इस इलाक़े में कब तक रहेंगे।

भूगौलिक तौर पर देखें तो एवरेस्ट के शिखर पर भारी बर्फ रहती है ऐसे में एक समय पर केवल 6 लोग ही वहां खड़े हो सकते हैं, और अगर अधिक पर्वतारोही रास्ते में होते हैं तो लाइन लग जाती है।

जानकारी है कि तिब्बत के पर्वतारोही गाइड्स की एक टीम को चीन ने शिखर के लिए भेजा है ताकि वह वहां पर एक विभाजन रेखा बना सकें। वहीं चीन के पर्वतारोहियों का एक समूह वहां पहुंचने ही वाले हैं।

ये एवरेस्ट चीन और नेपाल की सीमा पर है जिसपर दोनों ओर से पर्वतारोही चढ़ाई करते हैं। ऐसे में चीन का कहना है कि दोनों ओर से दूरी बनाए रखने के लिए वह विभाजन की रेख खींच रहे हैं। हालांकि, चीन ने साफ नहीं है कि चीन पहाड़ पर नियम कैसे लागू करेगा।

चीन (China) हमेशा से पड़ोसी देशों से लगे सीमाओं को लेकर अपनी नीतियां बनाता रहा है। अब हाल ही में नेपला से लगे चीमा पर उसकी नजर बैठ गई है।

चीन ने कहा है कि नेपाल से आने वाले पर्वतारोहियों को अपने पर्वतारोहियों से घुलने-मिलने से बचाने के लिए वह माउंट एवरेस्ट के शिखर पर एक विभाजन की रेखा खींच रहा है।

दरअसल दुनिया में कोरोना का कहर कम जरूर हुआ है लेकिन रूका नहीं है। लगभग एक सप्ताह पहले नेपाल के बेस कैंप में पर्वतारोहियों और प्रशासन ने पर्वत पर चढ़ाई करने वालों में कोविड के मामले बढ़ने को लेकर चेतावनी दी थी।