विवाद में फंसे ये नेता , डॉक्टर को घर बुलाकर किया ये…

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर के सुधाकर ने कहा कि लोगों के घर पर वैक्सीन लेने का कोई भी प्रावधान नहीं है. पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग इसके संबंध में जल्द ही सर्कुलर जारी करेगा. इसके बाद अधिकारियों को टीकाकरण करने के लिए किसी के भी घर पर जाने की मनाही होगी.

इसके अलावा उन्होंने कहा कि कुछ विशेषाधिकार थे और घर पर वैक्सीन लिए जाने के फैसले को गलत नहीं समझा जाना चाहिए. पाटिल ने कहा कि उन्होंने खुद ही स्वास्थ्य अधिकारियों को निवास पर टीका लगाने के लिए बुलाया था. खास बात है कि सोमवार को ही देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दूसरे बड़े राजनेताओं ने अस्पताल पहुंचकर कोविड-19 का टीका लगवाया था.

राज्य में विरोध का नया हथियारकर्नाटक में पहले ही बीएस येडियुरप्पा के नेतृत्व वाली सरकार परेशानियों का सामना कर रही है. ऐसे में इस वैक्सीन मामले ने राज्य में विपक्षी दलों को सरकार पर हमला करने के लिए नया हथियार दे दिया है.

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा, ‘इस सरकार में कोई भी कुछ भी कर सकता है.’ उन्होंने मंत्री पाटिल पर सवाल उठाते हुए कहा कि लोगों की सेवा करने के बजाए पाटिल लोगों को अपनी सेवा में लगा रहे हैं.

सोशल मीडिया और टीवी न्यूज चैनल्स पर मामले की तस्वीरें सामने आने के बाद लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. मीडिया में भी मंत्री के ताकत के दुरुपयोग के तौर पर दिखाया गया है.

एक कन्नड़ न्यूज चैनल से बातचीत में मंत्री ने कहा ‘घर में कई लोग मौजूद थे और मुझे अस्पताल में करीब आधे घंटे इंतजार करना पड़ता. यही कारण रहा कि मैंने घर पर ही लगवाया.’

देशभर में वैक्सीन प्रोग्राम (Vaccine Program) का दूसरा चरण (Vaccination Second Phase) शुरू हो चुका है. इसी के साथ एक नया विवाद भी सामने आया, जब कर्नाटक के कृषि मंत्री बीसी पाटिल (BC Patil) को टीका लगाने के लिए डॉक्टर उनके निवास पर पहुंचे.

मंगलवार को टीकाकरण के फोटोज सोशल मीडिया (Social Media) पर सामने आने के बाद नया विवाद खड़ा हो गया है. डॉक्टर्स ने बेंगलुरु से 336 किमी दूर हीरेकरुर जाकर मंत्री को वैक्सीन लगाई. खबर है कि उनकी पत्नी ने भी घर पर ही टीका लगवाया.