चीन के करीब हो रहे नेपाल की इस पार्टी में फूट नेता बोले, गोद में बैठने का नही …

नेपाल की सत्‍ताधारी नेपाल कम्‍युनिस्‍ट पार्टी (एनसीपी) के को-चेयरमैन पुष्‍प कमल दहल ‘प्रचंड’ और कुछ 30 केंद्रीय नेताओं को काठमांडू स्थित पार्टी के ऑफिस पर मौजूद रहने को कहा गया था। वार्ता पूरी होने के बाद एक प्रतिनिधि की तरफ से सरकार में जारी भ्रष्‍टाचार पर चर्चा हुई। बिष्‍नु राइजल जो एनसीपी के अंतरराष्‍ट्रीय डिविजन के मुखिया हैं, उन्‍होंने कहा, ‘हमें इस तरह की कोई जानकारी नहीं थी कि इस तरह की कोई वीडियो कॉन्‍फ्रेंस इतनी जल्‍दी आयोजित होने वाली है।’ पार्टी के एक और वरिष्‍ठ नेता ने कहा, ‘यह बहुत ही निंदनीय है कि पार्टी चीनी समकक्षों के साथ ऐसे समय में मीटिंग कर रही है जब भारत-नेपाल के रिश्‍ते सीमा विवाद और संविधान में संशोधन को लेकर गर्त में हैं।’

उन्‍होंने आगे कहा कि भारत और चीन के बीच तनाव सर्वोच्‍च स्‍तर पर हैं और दोनों देशों की सेनाओं के बीच झड़प हुई है। राइजल ने आगे कहा, ‘चीन की गोद में सिर्फ इसलिए बैठ जाना क्‍योंकि भारत सरकार के साथ समस्‍या चल रही है, न तो बुद्धिमानी है और न ही हमारी पार्टी की नीति है।’

सीमा विवाद पर नेपाल और भारत के रिश्‍तों में दूरी आ गई और अब यह बात किसी से छिपी नहीं है कि कैसे चीन के उकसाने पर नेपाली प्रधानमंत्री केपी ओली चीन के करीब हो रहे हैं। लेकिन अब इसी बात को लेकर पीएम ओली की पार्टी में फूट पड़ती जा रही है। शुक्रवार को एनसीपी ने टॉप लीडर्स से सवाल किया कि ऐसे समय में जब भारत के साथ रिश्‍ते बिगड़ रहे हैं तो फिर चीन की कम्‍युनिस्‍ट पार्टी से गठजोड़ क्‍यों बढ़ाया जा रहा है? नेताओं की तरफ से लद्दाख में 15 जून को भारत और चीनी जवानों के बीच हुई हिंसा का जिक्र भी किया गया। काठमांडू में नेपाल के अलग-अलग प्रांतों से आए 70 प्रतिनिधि भी मौजूद थे।

एक और सीनियर लीडर ने कहा, ‘सिर्फ इसलिए क्‍योंकि अभी सीमा मुद्दे पर हमारे भारत के साथ मतभेद चल रहे हैं, इस तरह की वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग चीन के साथ करना जबकि शासन औरर भ्रष्‍टाचार के मुद्दे भी मौजूद हैं, आयोजकों को बुद्धिहीनता और असंवेदनशीलता को दिखाते हैं।’ पिछले वर्ष चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग अपने पहले नेपाल दौरे पर गए थे। अक्‍टूबर में उनका नेपाल दौरा उस समय हुआ था जब वह भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक अनौपचारिक सम्‍मेलन करने के बाद चीन वापस लौट रहे थे।

पूर्व नेपाली पीएम माधव कुमार नेपाल जो पार्टी अंतरराष्‍ट्रीय डिविजन के मुखिया हैं उनके साथ झालानाथ खनल इस वीडियो कॉन्‍फ्रेंस से दूर थे। इस वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग में चीन की कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के सीनियर नेताओं के अलावा तिब्‍बत ऑटोनॉमस रीजन (टीएआर) की कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के कुछ नेता और नेपाल की कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के स्‍कूल डिविजन जिसके मुखिया नेपाल के उप-प्रधानमंत्री ईश्‍वर पोखरेल भी शामिल थे।

इसी दौरान चीन की कम्‍युनिस्‍ट पार्टी और एनसीपी के बीच इस बात पर रजामंदी बनी थी कि वह पार्टी लेवल पर इंस्‍टीट्यूशनल रिलेशंस को आगे बढ़ाएंगे और जिनपिंग के नजरिए के मुताबिक मेंबर्स को ट्रेनिंग देंगे।