निर्भया गैंगरेप केस के एक दोषी अक्षय सिंह को वकील ने बताया निर्दोष, सामने आये ये नए तथ्य अब…

सुप्रीम कोर्ट निर्भया गैंगरेप केस के एक दोषी अक्षय सिंह की पुनर्विचार याचिका पर आज सुनवाई कर रहा है। सात साल पहले के गैंगरेप-हत्या के दिल दहला देने वाले केस में चार दोषियों में से एक अक्षय ने सुप्रीम कोर्ट में ये याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित जस्टिस आर भानुमति, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एएस बोपन्ना की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है।

सुप्रीम कोर्ट में दोषी अक्षय की तरफ से पक्ष रख रहे वकील एपी सिंह ने कहा कि अब उनके पास इस मामले में नए तथ्य हैं। सुप्रीम कोर्ट में एपी सिंह ने कहा कि उनके मुवक्किल को मीडिया के दबाव, सार्वजनिक दबाव और राजनीतिक दबाव आदि के बाद दोषी ठहराया गया था और यह अभी भी है। एपी सिंह ने दलील देते हुए कहा कि ये ऐसा केस है जहां अक्षय एक निर्दोष और गरीब आदमी है।

वकील ने गवाह अवनींद्र पांडेय पर भी सवाल खड़े किए और कहा कि इस मामले में गवाह के सबूत और बयान भरोसा करने लायक नहीं हैं।याचिका पर सुनवाई के दौरान वकील ने कहा कि भारत में मृत्युदंड को खत्म किया जाना चाहिए, अक्षय को इस मामले में झूठा फंसाया गया है। वकील ने कहा कि मरने से पहले पीड़िता का दिया गया बयान संदिग्ध था।

यह स्वैच्छिक नहीं था। पीड़िता (2012 गैंगरेप पीड़िता) ने आरोपी का नाम नहीं बताया था, जिसने अपराध किया था। वकील ने कोर्ट में कहा कि इस केस में फर्जी रिपोर्ट तैयार की गई। अक्षय कुमार सिंह को इस मामले में झूठा फंसाया गया। जबकि मौत का कारण सेप्टीसीमिया और ड्रग ओवरडोज था।

वकील ने तिहाड़ के जेलर सुनील गुप्ता की किताब का जिक्र किया और कहा कि उसमें राम सिंह की आत्महत्या पर सवाल उठाए गए थे। इसपर जस्टिस अशोक भूषण ने कहा कि ये सारी बातें उन्होंने ट्रायल के दौरान क्यों नहीं बताईं। ट्रायल पूरा होने के बाद कोई किताब लिखे, ये खतरनाक ट्रेंड है। सुप्रीम कोर्ट के जज ने कहा कि बाद में कोई कुछ भी लिख दे इसका कोई मतलब नहीं बनता।

बता दें कि सात साल पहले 16 दिसंबर, 2012 में 6 लोगों ने दिल्ली में चलती हुई बस में 23 साल की पैरामेडिकल छात्रा के साथ गैंगरेप किया था। गैंगरेप के बाद इन्होंने पीड़िता के निजी अंगों को लोहे की रॉड से आघात किया था। इसके बाद पीड़िता और उसके दोस्त को बस से फेंक दिया गया था। बुरी तरह जख्मी पीड़िता ने इलाज के दौरान अस्पताल में दम तोड़ दिया था। दिल दहला देने वाले इस केस में कोर्ट ने 4 को फांसी की सजा सुनाई थी।