अफगानिस्तान से लौटा आखिरी अमेरिकी सैनिक, तालिबान ने कहा दुनिया ने सबक सीख लिया…

अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि हमने उस युद्ध (अफगानिस्तान में) में 2,461 सैनिकों को खो दिया, और हजारों अन्य लोग जख्मी हुए. हम दुनिया भर में कहीं से भी उत्पन्न होने वाले आतंकवादी खतरों से अपने नागरिकों की रक्षा के लिए कड़ी मेहनत करेंगे.

ऑस्टिन का कहना है कि अमेरिका ने लगभग 6,000 अमेरिकियों को नुकसान के रास्ते से हटा दिया और अफगानिस्तान से 123,000 से अधिक लोगों को निकाला – जिनमें से अधिकांश अफगानी मित्र और सहयोगी हैं.

अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की पूर्ण वापसी के बाद तालिबान ने काबुल के अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे को पूरी तरह अपने नियंत्रण में ले लिया. इस दौरान तालिबान लड़ाकों ने खुशी में हवाई फायरिंग भी की.

भोर होने से पहले, भारी हथियारों से लैस तालिबान के लड़ाके हैंगर के पास पहुंचे और अमेरिका विदेश मंत्रालय द्वारा निकासी अभियान में इस्तेमाल किये गये सात ‘सीएच -46’ हेलीकॉप्टरों को वहां से रवाना होते हुए देखा. तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि दुनिया ने सबक सीख लिया और यह जीत का सुखद क्षण है.

खबर के मुताबिक बाइडन ने कहा कि अब, अफगानिस्तान में 20 साल पुरानी हमारी सैन्य मौजूदगी समाप्त हो गयी है. बाइडन ने कहा कि वह मंगलवार को देश को संबोधित करेंगे. उन्होंने कहा कि अभी के लिए, मैं इतना ही बताना चाहूंगा कि योजना के अनुसार हमारे अभियान को सम्पन्न करने के लिए जमीनी स्तर पर मौजूद सभी ज्वाइंट चीफ तथा हमारे सभी कमांडर ने सर्वसम्मति से सिफारिश की थी.

करीब 20 साल के संघर्ष के बाद अमेरिका ने अपने निर्धारित समय से एक दिन पहले ही अपने सभी सैनिकों को वापस बुला लिया. अमेरिका के अंतिम सैनिक की तस्वीर ट्वीट करते हुए अमेरिकी रक्षा विभाग ने लिखा कि अफगानिस्तान छोड़ने वाला आखिरी अमेरिकी सैनिक- मेजर जनरल क्रिस डोनह्यू, 30 अगस्त को सी-17 विमान में सवार हुए, जो काबुल में अमेरिकी मिशन के अंत का प्रतीक है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी सैनिकों के वापसी की पुष्टि कर दी है.