इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने रूस से तुरंत करने को कहा ऐसा, आदेश जारी …

इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने रूस से यूक्रेन में अपने सैन्य अभियान को तुरंत रोकने के लिए कहा है। सीजेआई ने इस मामले पर 13-2 से हुए फैसले के बाद यह आदेश जारी किया है। वोटिंग के दौरान 13 देश इस पक्ष में रहे कि रूस को यूक्रेन में सैन्य अभियान तुरंत रोक देना चाहिए, जबकि 2 ने इसके खिलाफ मतदान किया।

संयुक्त राष्ट्र अदालत में भारतीय न्यायाधीश न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी ने रूस के खिलाफ बहुमत के पक्ष में मतदान किया। संयुक्त राष्ट्र की अदालत में 15 न्यायाधीश होते हैं। ICJ के अध्यक्ष जोआन ई डोनोग्यू (यूएसए), न्यायाधीश पीटर टोमका (स्लोवाकिया), न्यायाधीश रोनी अब्राहम (फ्रांस), न्यायाधीश मोहम्मद बेन्नौना (मोरक्को), न्यायाधीश अब्दुलकावी अहमद यूसुफ (सोमालिया), न्यायाधीश जूलिया सेबुटिंडे (युगांडा), न्यायाधीश दलवीर भंडारी (भारत), न्यायाधीश पैट्रिक लिप्टन रॉबिन्सन (जमैका), न्यायाधीश नवाफ सलाम (लेबनान), न्यायाधीश इवासावा यूजी (जापान), न्यायाधीश जॉर्ज नोल्टे (जर्मनी), न्यायाधीश हिलेरी चार्ल्सवर्थ (ऑस्ट्रेलिया) और न्यायाधीश तदर्थ दौडेट ने बहुमत के पक्ष में वोट डाला।

दो न्यायाधीशों जिन्होंने रूस के पक्ष में मतदान किया, उनमें उपराष्ट्रपति किरिल गेवोर्गियन (रूस) और न्यायाधीश सू हनकिन (चीन) शामिल हैं। मालूम हो कि अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के फैसले बाध्यकारी हैं लेकिन ऐसे मामले भी सामने आए हैं जहां देशों ने उनकी अनदेखी की है, क्योंकि आईसीजे के पास अपने आदेशों को लागू करने का कोई सीधा साधन नहीं है।

जस्टिस दलवीर भंडारी का वर्ल्ड कोर्ट में यह दूसरा कार्यकाल है। 2012 में उन्हें पहले कार्यकाल के लिए चुना गया जो 2018 तक जारी रहा। उन्हें भारत की ओर से दोबारा नामित किया गया। उन्होंने यूके के नामित जस्टिस ग्रीनवुड को हराकर ICJ में एक और कार्यकाल हासिल किया।

इससे पहले यूक्रेन के खिलाफ रूस के आक्रामक बर्ताव की कड़े शब्दों में निंदा करने वाले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव पर हुए मतदान में भारत ने हिस्सा नहीं लिया था। सुरक्षा परिषद में यह प्रस्ताव अमेरिका की तरफ से पेश किया गया था। भारत ने युद्ध को तत्काल समाप्त करने की मांग करते हुए कहा कि मतभेदों को दूर करने के लिए बातचीत ही एकमात्र रास्ता है।