भारतीय सैनिकों ने चाइना को मुंहतोड़ जबाव देते हुए साफ़ किया की खिलवाड़ नहीं…

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने बुधवार देर रात बोला कि चाइना का ‘बढ़ाचढ़ाकर किया गया असमर्थनीय’ दावा दोनों पक्षों के बीच बनी सहमति से उलट है. इससे पहले बुधवार को ही चाइना के विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता झाओ ल‍िजिन ने बोला था कि गलवान वैली क्षेत्र ‘हमेशा से ही’ उसका रहा है लेकिन वह ‘और ज्‍यादा हिंसा’ नहीं चाहता है.

सीमा पर लगातार आंख दिखाते चाइना को भारतीय सैनिकों ने मुंहतोड़ जबाव दिया. इससे बिलबिलाए चाइना ने नया पैंतरा चलते हुए गलवान घाटी पर अपना दावा पेश कर दिया. चाइना ने पूर्वी लद्दाख में हिंसा ( India China Clash in Ladakh ) का ठीकरा हिंदुस्तान के सिर पर फोड़ते हुए दावा कर दिया कि गलवान घाटी ( Galwan Valley ) चाइना का भाग है. हालांकि हिंदुस्तान ने इसपर कड़ी असहमति जताई व चाइना के इस हवाई दावे को खारिज करते हुए दो टूक साफ कर दिया कि किसी भी मूल्य पर हमारी संप्रभूता के साथ खिलवाड़ नहीं किया जा सकता है.

पूर्वी लद्दाख सीमा ( East Ladakh Border ) पर गलवान वैली ( Galwan vally ) को लेकर भारत-चीन के बीच तकरार बढ़ गया है. सोमवार की रात दोनों राष्ट्रों की सैनिकों के बीच हिंसक झड़प

हुई, इसमें हिंदुस्तान के 20 जवान शहीद हुए, वहीं चाइना के भी 30 सैनिक मारे गए. हालांकि चीनी सैनिकों के मारे जाने की संख्या को लेकर बीजिंग ( Bijing ) की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया, जबकि हिंदुस्तान ने अपने सैनिकों की वीरगति को स्वीकार करते हुए बयान जारी किया.

अनुराग श्रीवास्तव ने आगे बोला कि लद्दाख के वर्तमान परिस्थिति को लेकर विदेश मंत्री, स्टेट काउंसिलर व चाइना के विदेश मंत्री ने फोन पर वार्ता की. दोनों पक्ष इस बात पर समहत हुए कि 6 जून को सीनियर कमांडरों के बीच बनी सहमति को लागू करना होगा. लेकिन अब चाइना की ओर से ये दावा किया जाना कि गलवान वैली पर उसका अधिकार है, इसका समर्थन नहीं किया जा सकता, यह सहमति के उलट है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( पीएम Narendra Modi ) ने भी साफ शब्दों में बोला कि शहीदों का बलिदान बेकार नहीं जाएगा. हिंदुस्तान ‘अपनी अखंडता व संप्रभुता से समझौता नहीं करेगा व पूरी दृढ़ता से देश की एक-एक इंच जमीन व देश के स्वाभिमान की रक्षा करेगा.’