हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को लेकर सामने आया ये बड़ा सच, मारे जाने के बाद हुआ…

मेरे घर पर सीओ देवेन्द्र मिश्रा और दो दारोगा को मारा गया। जिसमें सीओ को घर की आंगन पर मारा गया और दो दारोगा को घर के बाहर बरामदे में मारा गया।

बताया कि गोली चलाने में विकास दुबे (Gangster Vikas Dubey), लालू, शिवम, हीरु, अखिलेश मिश्रा, राजेन्द्र, प्रभात मिश्रा, अमर दुबे, अतुल दुबे सहित बहुत से लोग थे।

उसने बताया कि एसटीएफ की मुठभेड़ में मारा गया पांच लाख का इनामी और घटना का मुख्य अभियुक्त रहा विकास दुबे (Gangster Vikas Dubey) ने फोन पर बुलाया था कि आज गोली चलाना है।

इस पर जब मैं और पापा प्रेम प्रकाश पाण्डेय जो मुठभेड़ में मारे गये विकास (Gangster Vikas Dubey)  के घर गये तो कहा कि अगर गोली नहीं चलाओगे तो खतरे से खाली नहीं होगा। इसके बाद उसके कहने पर उसी के घर से असलहा लेकर सभी लोग अलग-अलग घरों की छतों पर बैठकर पुलिस पर गोली चलायी गयी।

चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरु गांव में हिस्ट्रीशीटर रहे विकास दुबे (Gangster Vikas Dubey) और उसके गुर्गों ने दो जुलाई की रात्रि दबिश देने गयी पुलिस टीम पर हमला कर दिया।

इस हमले में टीम का नेतृत्व कर रहे सीओ देवेन्द्र मिश्रा समेत आठ पुलिस कर्मी मारे गये। इसके बाद से लगातार बिकरु कांड के अभियुक्त या तो पकड़े जा रहे हैं या मारे जा रहे हैं। मंगलवार को एक और अभियुक्त शशिकांत पाण्डेय उर्फ सोनू को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों की हत्या के बाद बिकरु कांड में रोजाना नये-नये खुलासे हो रहे हैं। मंगलवार को गिरफ्तार हत्यारे शशिकांत पाण्डेय ने दावा किया कि उनके घर पर सीओ देवेन्द्र मिश्रा और दो दारोगा की हत्या की गयी।

उसने बताया कि घटना के मुख्य अभियुक्त रहे विकास दुबे के खौफ के चलते पापा और मैंने पुलिस पर गोली चलवायी। अगर ऐसा न करते तो वह हमें मार देता।