जम्मू और कश्मीर में घटता नजर आ रहा आतंक का ग्राफ , आतंकियों की भर्ती घटी

जम्मू और कश्मीर में आतंक का ग्राफ घटता नजर आ रहा है। स्थानीय लोगों के आतंकी संगठनों में शामिल होने के 2022 के आंकड़ों ने राहत दी है। खबर है कि 2021 की तुलना में इस वर्ष भर्तियों में करीब 60 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। खास बात है कि बीते दो सालों से बड़ी संख्या में लोगों का आतंकी संगठनों से जुड़ना चिंता का कारण बना हुआ था।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में 8 मई तक  केवल 28 स्थानीय युवा आतंकी संगठनों में शामिल हुए। जबकि, पूरे 2021 में यह आंकड़ा 142 पर था। रिपोर्ट में CRPF सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि 2018 में आतंकी संगठनों ने 187 स्थानीय युवाओं को भर्ती किया था। हालांकि, यह आंकड़ा 2019 में गिरकर 121 पर आ गया था।

खास बात है कि साल 2019 में ही जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म किया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2020 में भर्ती होने के आंकड़े बढ़कर 181 पर पहुंच गए, जो 2021 में कम हो कर 142 पर आ गए थे।

CRPF सूत्रों का कहना है कि जम्मू और कश्मीर में सक्रिय आतंकियों की संख्या 163 मानी जा रही है। इनमें 85 विदेशी और 78 स्थानीय भर्तियां हैं। खास बात है कि बीते दो सालों में क्षेत्र में सक्रिय विदेशी आतंकियों की संख्या में भी काफी कमी आई है। जबकि, स्थानीय आतंकियों की हिस्सेदारी बढ़ी है।