कारोबार के लिए फ्लिपकार्ट द्वारा अपनाए जा रहे तरीकों के चलते सरकार को भारी नुकसान

अब फ्लिपकार्ट को बंद करने की मांग कंसंट्रेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के द्वारा उठाई गई है। बताया जा रहा है कि बैलेंस शीट का हवाला देते हुए उस पर कानून को दरकिनार करने के गंभीर आरोप लगाते हुए कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने फ्लिपकार्ट प्राइवेट लिमिट को बंद करने का निवेदन किया है। बताया जा रहा है कि उनका कहना है कि कारोबार के लिए फ्लिपकार्ट द्वारा अपनाए जा रहे तरीकों के चलते सरकार को जीएसटी और आयकर में भी राजस्व का भारी नुकसान हुआ है।


वह इसके अलावा यह भी बताया जा रहा है कि इस मामले में केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से कंसंट्रेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के लोगों ने मुलाकात करी है और उन्हें एक लेटर भी लिखा है इसके अलावा कंफर्मेशन के लोगों ने फ्लिपकार्ट पर इन्वेंटरी को नियंत्रित करने के लिए शक्ल जोड़-तोड़ तथा सरकार की एफडीए नीति को दरकिनार करना और खुले में पारदर्शी तरीके से कारोबार करने की वजह कंपनी के मूल्यांकन को बढ़ाने जैसे आरोप लगाए हैं।

वह इसके अलावा आपको बता दें कि यह भी कहा गया है कि ई-कॉमर्स भारत को बाजार को खराब करने का खुला मामला है और केंद्रीय मंत्री गोयल को पहले कदम के रूप में फ्लिपकार्ट ई-कॉमर्स वेबसाइट को बंद करने के लिए आदेश देने चाहिए। इसके साथ ही कर विशेषज्ञ चार्टर्ड अकाउंटेंट फ्रॉड वरिष्ठ अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय समिति का गठन करना चाहिए जो एक समय बाद सीमा में फ्लिपकार्ट उसकी मूल कंपनी और अन्य सहयोगियों से संबंधित कंपनियों की बैलेंस शीट आए और वह खाते का गहराई से अध्ययन करते हुए सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी की।

वहीं इसके अलावा आपको बता दें कि गोयल को दिए गए अपने लेटर में उन्होंने कहा है कि लगातार जोरदार तरीके से यह कहा गया है कि ई-कॉमर्स कंपनियां हर साल हजारों करोड़ रुपए का नुकसान कर रही है। फिर भी वह बिना किसी समस्या के अपने व्यवसाय को जारी रखने में सक्षम है क्योंकि अर्थशास्त्र के बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ है।