नागरिकता संशोधन बिल को लेकर सरकार ने बताया सच, कहा धार्मिक रूप से…

लोकसभा में पास होने के बाद राज्यसभा में भी पेश कर दिया गया है अभी इस बिल पर राज्यसभा में चर्चा हो रही है इस बीच नागरिकता संशोधन बिल को लेकर कई तरह की अफवाहें फैल रही हैं

 

लोगों को भय है कि उनकी नागरिकता छिन सकती है ऐसे में नरेन्द्र मोदी सरकार (Modi Government) ने इस अफवाहों को खारिज किया है  इस बिल को लेकर सच्चाई बताई है

प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने को लेकर कई ट्वीट्स किए हैं, जिनमें इस बिल को लेकर फैली अफवाहें  उसकी सच्चाई बताई गई है आइए जानते हैं को लेकर क्या हैं अफवाहें  क्या हैं इनकी सच्चाई:-

झूठ नंबर 1:- ये बिल असम के समझौते को निर्बल कर देगा
वास्तविकता:- अगर गैरकानूनी शरणार्थियों को पकड़ने या वापस भेजने के लिए 24 मार्च 1971 की कट ऑफ तारीख की बात करें, तो ये बिल असम समझौते की मूल भावना को निर्बल नहीं करता है

झूठ नंबर 2:- से बांग्ला भाषी लोगों का प्रभुत्व बढ़ जाएगा
वास्तविकता:- हिंदी बंगाली जनसंख्या के अधिकतर लोग असम की बराक घाटी में रहते हैं यहां बंगला भाषा को प्रदेश की दूसरी भाषा का दर्जा दिया गया है वहीं, ब्रह्मपुत्र घाटी में हिंदू-बंगाली भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में रह रहे हैं  उन्होंने असमी भाषा को अपना लिया है

झूठ नंबर 3:- ये बिल असम की लोकल जनता के हितों के विरूद्ध है

वास्तविकता:- ये बिल असम पर केंद्रित नहीं है ये बिल हिंदुस्तान के हर प्रदेश में लागू होता है एनआरसी के विरूद्ध भी नहीं है, बल्कि एनआरसी को अपडेट किया जा रहा है, ताकि स्वदेशी समुदाय के गैरकानूनी प्रवास को रोका जा सके

झूठ नंबर 4:- इस बिल के कानून बनने से बंगाली हिंदू असम के लिए बोझ बन जाएंगे
वास्तविकता:- ये बिल सारे देश में सामान्य रूप से लागू है धार्मिक रूप से उत्पीड़न सहने वाले लोग सिर्फ असम में नहीं, बल्कि देश के अन्य राज्यों में भी हैं
झूठ नंबर 5: हिंदू बंगाली लोगों की जनजातीय लोगों की जमीन को हथियाना है
वास्तविकता:- हिंदू बंगाली जनसंख्या अधिकतर रूप से असम की बराक घाटी में रह रही है, जो कि आदिवासी क्षेत्र से दूर है ये बिल आदिवासी जमीन के संरक्षण संबंधी किसी भी नियम को खंडित नहीं करती है
झूठ नंबर 6: के कारण बांग्लादेश में हिंदुओं का पलायन  बढ़ जाएगा
वास्तविकता:- बांग्लादेश के अधिकतर अल्पसंख्यक पहले ही विस्थापित हो चुके हैं उत्पीड़न के स्तर में भी पिछले कुछ वर्ष में कमी आई है बदले हुए स्वरूप में व्यापक रूप से धार्मिक प्रताड़ना के कारण पलायन की आसार भी कम हो जाती है 31 दिसंबर 2014 के बाद हिंदुस्तान प्रवास करने वाले धार्मिक अल्पसंख्यकों को इस बिल के तहत फायदा नहीं मिल सकेगा

झूठ नंबर 7: ये बिल हिंदू बंगालियों को नागरिकता प्रदान करेगी
वास्तविकता:- ये बिल हिंदू बंगालियों को नागरिकता प्रदान नहीं कर सकती ये बिल सिर्फ 6 अल्पसंख्यक समुदायों से जुड़े व्यक्तियों के लिए एक सक्षम कानून का निर्धारण करेगी इस बिल को सिर्फ मानवीय आधार पर प्रस्तावित किया गया है क्योंकि तीन देश (पाकिस्तान, बांग्लादेश  अफगानिस्तान) से धार्मिक उत्पीड़न के आधार पर इन समुदायों को भगाया गया है