दिल्ली में कैब के बढ़ते विरोध प्रदर्शन को देखते हुए सरकार ने लगाईं यह धारा वही लखनऊ में हुआ ये…

देश भर में नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है। उत्तर प्रदेश के लखनऊ में इंटरनेट 25 दिसंबर रात 8 बजे तक बैन रहेगी। वहीं दिल्ली के मंडी हाउस में प्रदर्शनों के मद्देनजर धारा-144 लागू कर दी गई है। मंडी हाउस इलाके में भारी सुरक्षा बल तैनात है।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और सांसद राहुल गांधी यूपी के मेरठ जा रहे हैं, जहां वे संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात करेंगे।

संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के विरोध में विदेशी भी प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसे ही एक विदेशी छात्र प्रदर्शनकारी को लेकर सोशल साइट ट्विटर पर बहस छिड़ी है। तस्वीर में दिख रहा छात्र जर्मनी से है जोकि तमिलनाडु के मद्रास आईआईटी से पढ़ाई कर रहा है। नाम है- जैकब लिडेंथल। जैकब आईआईटी के भौतिक विज्ञान विभाग का छात्र है और अभी पढ़ाई पूरी होने में एक सेमेस्टर बाकी है लेकिन सोमवार की रात उसने जर्मनी के लिए वापस हवाई जहाज पकड़ा।

दरअसल, जैकब ने अपने ट्विटर हैंडल से कुछ तस्वीरें पोस्ट की थीं, जिनमें वह हाथों में स्लोगन लिखीं तख्तियां लिए दिखाई दे रहा था। उसने हाल में मद्रास आईआईटी के छात्रों द्वारा सीएए के विरोध में किए गए प्रदर्शन में हिस्सा लिया था। सीएए के खिलाफ प्रदर्शन करते जैकब की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थीं।

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर उत्तर प्रदेश में भड़की हिंसा पर पहली बार पुलिस ने ये स्वीकार किया है कि बिजनौर में एक नागरिक की मौत उसकी गोली से हुई है। एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने माना है कि बिजनौर में 20 साल के मोहम्मद सुलेमान की मौत उस समय हो गई जब कॉन्सटेबल मोहित कुमार ने ‘आत्मरक्षा’ में उस पर गोली चला दी।

बीजेपी पश्चिम बंगाल इकाई के वाइस-प्रेसिडेंट चंद्र कुमार बोस ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर सवाल उठाते हुए कहा है कि भारत के दरवाजे सभी धर्मों और जातियों के लिए खुले हैं। बोस ने एक के बाद एक ट्वीट कर पूछा कि अगर सीएए किसी धर्म से जुड़ा हुआ नहीं है तो फिर हिंदू, सिख, बौद्ध, ईसाई, पारसी या जैन की केवल बात क्यों की गई है। बोस ने साथ ही कहा कि मुस्लिमों को भी इसमें क्यों नहीं शामिल किया गया। बोस यही नहीं रूके और एक ट्वीट कर लिखा, ‘भारत की तुलना या बराबरी किसी और देश से नहीं करें क्योंकि ये राष्ट्र सभी धर्मों और समाज के लिए खुला है।’