सरकार ने मुसलमानों को दिया ये बड़ा आदेश, कहा मस्जिदों में नहीं होगा…

जुमे की नमाज से एक दिन पहले उत्तर प्रदेश के मुस्लिमों के लिए दो एडवायजरी जारी हुई। पहली एडवाइजरी ईदगाह के ईमाम मौलाना राशिद फरंगी महली ने जारी की और दूसरी शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने।

 

ईमाम ने कहा कि मुस्लिम भाई शुक्रवार की नमाज मस्जिदों में अता करने से परहेज करें। वसीम रिजवी ने कहा कि कोरोना से पीड़ित व्यक्ति की मौत होने पर मुस्लिम शव को दफनाएं नहीं, बल्कि उसे जला दें।

वहीं, शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद ने कोरोना वायरस के चलते आसिफी मस्जिद में जुमे की नमाज को दो सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया है।

गुरुवार को ईदगाह के ईमाम फरंगी महली ने एडवाइजरी जारी करते हुए मुस्लिमों से बड़ी मस्जिदों में न जाने के लिए अपील की है। उन्होंने कहा कि मुसलमान प्रदेश की बड़ी मस्जिदों में नमाज पढ़ने के बजाय घर में रहकर नमाज अता करें।

खास शुक्रवार को होने वाली जुमे की नमाज पर। लोग बड़ी मस्जिदों की जगह मोहल्ले की छोटी मस्जिदों में जुमे की नमाज पढ़ें।

इसके साथ ही बुजुर्ग और छोटे बच्चे घरों में ही नमाज पढ़ें। साथ ही उन्होंने कहा कि इन दिनों किसी भी मस्जिद में कोई कार्यक्रम भी आयोजित नहीं किये जाने चाहिए।

शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने मुसलमानों को सलाह देते हुए कहा कि अगर कोरोना वायरस से किसी मुस्लिम समुदाय के व्यक्ति की मौत हो जाती है .

तो वह उसे कब्रिस्तान में दफनाने की जगह उसे जला दें। कोरोनावायरस (Coronavirus) कई वायरस (विषाणु) प्रकारों का एक समूह है जो स्तनधारियों और पक्षियों में रोग के कारक होते हैं।

यह आरएनए वायरस होते हैं। मानवों में यह श्वास तंत्र संक्रमण के कारण होते हैं, जो अधिकांश रूप से मध्यम गहनता के लेकिन कभी-कभी जानलेवा होते हैं। गाय और सूअर में यह अतिसार और मुर्गियों में यह ऊपरी श्वास तंत्र के रोग के कारण बनते हैं।