सरकार का बड़ा एलान, कहा देश में पहली बार ड्रोन से गिने जाएंगे ये…

ड्रोन से इनकी गिनती होगी। उत्तराखंड देश में ऐसा पहला राज्य है, जहां मगरमच्छ व घड़ि‍यालों की गणना में ड्रोन का उपयोग किया जाएगा। इस माह के अंतिम सप्ताह से शुरू होने वाली गणना के लिए उत्तराखंड फॉरेस्ट ड्रोन फोर्स तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटी है।

 

उत्तराखंड में नेपाल बॉर्डर से लेकर हरिद्वार तक 6370 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में कितने मगरमच्छ और घड़ि‍याल हैं, इसकी सही तस्वीर अब सामने आएगी।

वन्यजीव विविधता के लिए मशहूर उत्तराखंड में मगरमच्छ व घड़ि‍यालों का संसार भी बसता है। नेपाल सीमा पर शारदा नदी से लेकर हरिद्वार तक वन विभाग के चार वृत्तों पश्चिमी, शिवालिक, राजाजी व कार्बेट टाइगर रिजर्व में इनकी अच्छी-खासी संख्या है।

हालांकि, वर्ष 2008 में ये आकलन किया गया कि 6370 वर्ग किमी के इस क्षेत्र में 123 मगरमच्छ व 231 घड़ियाल हैं, मगर इस गणना में कुछेक क्षेत्र ही शामिल थे। 2016 में पायलट प्रोजेक्ट के तहत सिर्फ पश्चिमी वृत्त में मगरमच्छों की गणना हुई, जिसमें ड्रोन का प्रयोग किया गया।

उत्तराखंड फॉरेस्ट ड्रोन फोर्स के समन्वयक डॉ. पराग धकाते के अनुसार नेपाल बॉर्डर से हरिद्वार तक शारदा, गौला, नंधौर, रामगंगा व गंगा नदियों के अलावा कालागढ़ व तुमड़िया बांध, नानकसागर, बौर, हरिपुर व शारदा जलाशय समेत अन्य नदियों, जलाशयों में मगरमच्छ और घड़ियाल हैं।

यहां इनकी संख्या 65 निकली थी, लेकिन राज्य के अन्य क्षेत्रों में मगरमच्छ व घडिय़ाल की गणना नहीं हो पाई। ऐेसे में प्रदेश में इनकी वास्तविक संख्या को लेकर तस्वीर साफ नहीं हुई। 11 साल के इंतजार के बाद अब संपूर्ण राज्य में मगरमच्छ व घड़ियालों के वासस्थलों में इनकी गणना होने जा रही है, जिसमें ड्रोन की मदद ली जाएगी।