महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर सियासी घमासान, किसानों के मसले पर पवार की मोदी से मुलाकात

महाराष्ट्र में सरकार गठन के मुद्दे पर सियासी घमासान मचा हुआ है. सरकार बनाने को लेकर कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और शिवसेना में मंथन का दौर जारी है. इसी बीच, एनसीपी चीफ शरद पवार आज दोपहर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे. पवार की यह मुलाकात महाराष्ट्र में किसानों की समस्या को लेकर होगी.

पार्टी के नेता नवाब मलिक ने इस बात की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि दोनों की मुलाकात बुधवार दोपहर 12 बजे होगी. गौरतलब है कि राज्यसभा में पीएम मोदी ने एनसीपी के अनुशासन की तारीफ की थी और इस बीच आज एनसीपी प्रमुख पीएम से मुलाकात कर रहे हैं तो च्रचाओं का बाजार गरम है.

हालांकि शरद पवार और पीएम मोदी की मुलाकात की जानकारी शिवसेना सांसद संजय राउत ने सोमवार को ही दी थी. उन्होंने कहा था कि हम किसानों के मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे. उन्होंने बताया कि ये मुलाकात शरद पवार की अगुवाई में ही होगी. बता दें कि आज दिल्ली में एनसीपी और कांग्रेस नेताओं की भी बैठक है.

एनसीपी प्रमुख शरद पवार के पीएम नरेंद्र मोदी से मिलने की खबरों के बीच शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि गुरुवार तक सभी बाधाएं दूर हो जाएंगी. राउत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सभी बाधाएं खत्म हो गई है और कल तक स्थिति साफ हो जाएगी. मीडिया से बात करते हुए शिवसेना प्रवक्ता ने सरकार बनाने के लिए डेडलाइन का भी ऐलान कर दिया.

उन्होंने पवार और पीएम मोदी की मुलाकात को लेकर जारी अटकलों पर भी विराम लगाने की कोशिश की. उन्होंने काह- क्या अगर कोई नेता प्रधानमंत्री से मिलता है तो खिचड़ी ही पकती है क्या. वो पूरे देश के प्रधानमंत्री हैं. महाराष्ट्र के किसान दिक्कत में है. पवार और उद्धव साहेब उनके बारे में सोचते हैं. पवार साब को कृषि मामलों की अच्छी जानकारी है. वो सहज तरीके से प्रधानमंत्री को महाराष्ट्र के किसानी की स्थिति से अवगत करा सकते हैं. शरद पवार किसानों के लिए लड़नेवाले बहुत बड़े नेता हैं. उनकी पीएम मोदी से मुलाकात का कोई और अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए.

राउत ने दो टूक अंदाज में कहा कि पार्टी के अंदर एनसीपी से गठबंधन को लेकर कोई हिचक नहीं है. इससे पहले राउत ने मंगलवार को पवार और सोनिया की मुलाकात के बाद कहा था कि एनसीपी चीफ के मन में क्या है यह समझने के लिए 100 जन्म भी काफी नहीं हैं. सूत्रों का कहना है कि बैकडोर से शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच बातचीत जारी है और अब यह लगभग फाइनल हो चुकी है.