दिल्ली सरकार ने शुरू किया ये काम, जरुरतमंदों को दे रहे…

कोर्ट ने सरकार से कहा कि वह ऐसे गरीबों और जरुरतमंदों को राशन देने की प्रक्रिया सरल बनाए जिनके पास आधार और मतदाता पहचान पत्र तो है.

 

राशन कार्ड नहीं है। मुख्य न्यायाधीश डी.एन. पटेल और न्यायमूर्ति सी. हरि शंकर की पीठ ने कहा कि अगर किसी नीतिगत फैसले में बदलाव की जरुरत है तो, सामान्य जनता की जरुरतों को ध्यान में रखने हुए प्रशासन द्वारा उसे सरल बनाया जाना चाहिए।

अदालत ने प्रशासन को निर्देश दिया कि अगर राशन लेने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए कोई भी नीतिगत फैसला लिया जाता है.

तो उसे अधिसूचित किया जाएगा और राशन दुकानों के सभी दुकानदारों को इसकी सूचना दी जाएगी। अदालत गैरसरकारी संगठन नयी सोच सोसायटी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

कोरोना वायरस का कहर थमता हुआ नजर नहीं आ रहा है। वायरस से रोकथाम के लिए देशभर में 3 मई तक का लॉकडाउन लागू है।

बंदी के कारण गरीब व दैनिक कामगार अधिक प्रभावित हुए हैं। दिल्ली सरकार का दावा है कि वो रोजाना लाखों गरीब के पेट भरती है .

व राशन कार्ड और गैर राशन कार्ड धारकों को राशन उपलब्ध करवाती है। पिछले दिनों दिल्ली हाईकोर्ट ने आप सरकार से इस पर कहा कि जरूरतमंदों को राशन देने की प्रक्रिया आसान बनाएं।