आरोग्य सेतु एप को लेकर सरकार ने उठाया ये बड़े कदम, जाने मिलेगा…

नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने बोला कि संसार में कोई भी अन्य सरकार इस पैमाने पर इतना खुला रुख नहीं अपनाती है।

 

कांत ने कहा, पारदर्शिता, निजता व सुरक्षा ही आरोग्य सेतु डिजाइन के मूल सिद्धांत हैं। इसके सोर्स कोड को डेवलपर समुदाय के लिये खोल दिये जाने से हिंदुस्तान सरकार की इन सिद्धांतों के दायरे में रहते हुये कार्य करने की प्रतिबद्धता का पता चलता है। संसार में कहीं भी कोई अन्य सरकार स्रोत को इतने बड़े पैमाने पर नहीं खोलती है।

कोरोना वायरस महामारी  से लोगों को सतर्क करने के लिये आरोग्य सेतु ऐप  की आरंभ की गई। लेकिन कुछ लोगों ने इस ऐप के जरिये लोगों के व्यक्तिगत डेटा जुटाये जाने व उनकी व्यक्तिगत जिंदगी के बारे में तांक झांक करने का आरोप लगाया। सरकार ने इन्हीं चिंताओं का निवारण करने के लिये यह कदम उठाया है। इस ऐप के सोर्स कोड को खोल दिया गया है।

नेशनल इंफोमेटिक सेंटर की महानिदेशक नीता वर्मा ने बोला कि इस ऐप में खामी का पता लगाने वाले लोगों के लिए चार श्रेणी के पुरस्कार रखे गये हैं।

जबकि कोड में सुधार के सुझाव के लिये एक पुरस्कार एक लाख रुपए का रखा गया है। आरोग्य सेतु ऐप 2 अप्रैल 2020 को जारी की गई व इसके वर्तमान में करीब 11.5 करोड़ लोग प्रयोग करने वाले हैं।

इसमें खामी का पता लगाने व इसके प्रोग्राम सुधार के सुझाव देने वालों के लिये यह पुरस्कार रखे गये हैं। वर्मा ने बोला कि सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशीलता को लेकर तीन श्रेणियों में प्रत्येक में एक लाख रुपये का पुरस्कार रखा गया है .

सरकार ने आरोग्य सेतु में निजता को लेकर उठाई जा रही चिंताओं को देखते हुए इसके सोर्स कोड (Source Code) को सॉफ्टवेयर विकसित करने वाले समुदाय की ओर से जांच-परख के लिये खोलने की घोषणा की। सरकार ने इसके साथ ही इसमें खामियों का पता लगाने वाले को बड़ी राशि का पुरस्कार देने का भी ऐलान किया है।