किसान आंदोलन से डरकर सरकार ने बदला ये बड़ा फैसला, राकेश टिकैत ने खोला राज

केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन के लिए समर्थन जुटाने की खातिर किसान नेता राकेश टिकैत मार्च में पांच राज्यों का दौरा करेंगे.

 

भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के एक पदाधिकारी ने शनिवार को कहा कि बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता और किसान आंदोलन का एक प्रमुख चेहरा टिकैत एक मार्च से दौरे की शुरुआत करेंगे.

बीकेयू के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने कहा, “मार्च में उत्तराखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना में किसानों की बैठकें होंगी, उत्तर प्रदेश में भी दो बैठकें होंगी.”

मलिक ने कहा कि राजस्थान में दो बैठकें और मध्य प्रदेश में तीन बैठकें होंगी. 20, 21 और 22 मार्च को अंतिम तीन बैठकें कर्नाटक में होंगी. उन्होंने कहा, ‘‘तेलंगाना में छह मार्च को एक कार्यक्रम निर्धारित है, लेकिन राज्य में कुछ चुनावों के कारण हमें अभी तक इसकी अनुमति नहीं मिली है. यदि अनुमति मिल जाती है, तो तेलंगाना में बैठक निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार होगी.’’

बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता और किसान आंदोलन का एक प्रमुख चेहरा टिकैत ने कहा की किसान आंदोलन नहीं होता तो गन्ना किसानों को बड़ा नुकसान होता. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार गन्ने की कीमत को कम करने की योजना बना रही थी, लेकिन किसान आंदोलन के चलते उन्होंने ऐसा नहीं किया.

उन्होंने कहा “अगर ये आंदोलन न होता तो ये गन्ना के रेट बढ़ाने की जगह घटा रहे थे. 40 रुपया गन्ने का रेट कम किया जाता. जिस दिन आंदोलन किसान का कमजोर हो जायेगा, उसी दिन किसानों को ये मार देंगे.”

कृषि कानून के खिलाफ तीन महीने से अधिक किसानों को प्रदर्शन करते हुए हो चुके हैं, लेकिन केंद्र सरकार से बात बनती नहीं दिख रही है. इस बीच केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध तेज करने के लिए भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) आगामी मार्च महीने में पांच राज्यों का दौरा करेंगे.