चीन के सरकारी बैंक ने खरीदी …अब क्या होगा हमारे हिन्दुस्तान के बैंकों का …

ICICI बैंक ने पूंजी जुटाने के लिए संस्थागत निवेशकों से पैसा जुटाने के लिए कोशिश की थी और पिछले हफ्ते ही उसका टारगेट पूरा हुआ है।चीन के केंद्रीय बैंक ने ICICI में महज 15 करोड़ रुपये का निवेश किया है और यह निवेश क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट के जरिए हुआ है। अन्य विदेशी निवेशकों में सिंगापुर की सरकार, मॉर्गन इनवेस्टमेंट, सोसाइटे जनराले आदि शामिल हैं।

एक्सपर्ट कहते हैं कि बैंकिंग भारत में काफी रेगुलेटेड यानी रिजर्व बैंक की सख्त निगरानी में रहने वाला कारोबार है, इसलिए इससे देशहित को कोई खतरा नहीं हो सकता। इसके पहले चीन के इस केंद्रीय बैंक के हाउसिंग लोन कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड में निवेश पर पिछले साल काफी हंगामा हुआ था।

देश में चीनी माल के बहिष्कार और चीन विरोधी माहौल के बीच खबर आई है की चीन के पीपल्स बैंक ऑफ चाइना ने ICICI में हिस्सेदारी खरीदी ली है।

पिछले साल मार्च में चीन के केंद्रीय बैंक ने एचडीएफसी में अपना निवेश बढ़ाकर 1 फीसदी से ज्यादा किया था। तब इस पर काफी हंगामा भी हुआ था। पीपल्स बैंक ऑफ चाइना म्यूचुअल फंडों, बीमा कंपनियों सहित उन 357 संस्थागत निवेशकों में शामिल है जिन्होंने हाल में ICICI बैंक के क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (क्यूआईपी) ऑफर में 15,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है।

चीन का केंद्रीय बैंक अब अमेरिका की जगह भारत जैसे दूसरे देशों में निवेश बढ़ा रहा है। पिछले साल मार्च में चीन के केंद्रीय बैंक ने एचडीएफसी में अपना निवेश बढ़ाकर 1 फीसदी से ज्यादा किया था। तब इस पर काफी हंगामा भी हुआ था।