ऐसी लडकियों के पतियों की खुलती है किस्मत, जीवन भर रहते है खुश

चाणक्य नीति कहती है किसी को अपना जीवनसाथी बनाना हो, उसके साथ जीवन बिताना हो तो उसके बाहरी सुंदरता पर मत जाएं बल्कि अंदर के गुणों को पहचाने। बाहर की सुंदरता तो एक समय के बाद बदल जाएगी चली जाएगी पर जो अंदर के गुण हैं वो हमेशा साथ रहेंगे।

चाणक्य को भारत के इतिहास का सबसे बड़ा रणनीतिकार माना जाता है, उनकी वजह से चन्द्रगुप्त मौर्य राजा बने थे,ऐसा चाणक्य की सफल रणनीति के अनुसार ही हुआ था। पत्नी में अगर ऐसे गुण होते हैं जिससे पति के भाग्य खुल जाते हैं जीवन के हर क्षेत्र में तरक्की होती है तो इससे सिर्फ पति के जीवन में ही नही बल्कि पूरे परिवार में खुशहाली आती है।

ऐसे गुणों के कारण पति पत्नी का तालमेल बहुत अच्छा रहता है, जैसे गाड़ी के दोनों पहिये सही रहते हैं तो गाड़ी अच्छे से चलती है वैसे ही जब इस जीवनरूपी गाड़ी के दो पहिये ( पति,पत्नी ) सही चलते हैं तो जीवन की गाड़ी सरलता से चलती रहती है। पत्नी को अर्धांगिनी कहा जाता है अर्थात पति का आधा अंग माना जाता है। पत्नी का सहयोग, जुड़ाव पति को आगे ले जाता है। आइये जानते हैं उन गुणों के बारे में जो पत्नी के अंदर हों तो खुल जाती है पति की किस्मत-

जिस व्यक्ति के अंदर धैर्य होता है सफलता उसके कदम जरूर चूमती है। जीवन में सुख दुख आते जाते रहेंगे लेकिन उस समय धैर्य रखना हर किसी के बस की बात नही होती है। लोग परेशान हो जाते हैं गलत कदम उठा लेते हैं पर जो कठिन समय में धैर्य, सूझबूझ से निर्णय लेते हैं वो जरूर सफल होते हैं जीवन में तरक्की करते हैं। यदि किसी भी स्त्री में ये गुण है उसका पति भाग्यशाली होता है और वो स्त्री पूरे परिवार के लिए पूजनीय होती है।

आज के समय में यदि ये गुण आपके अंदर नही है तो आप समाज के किसी भी क्षेत्र में स्थिर नही रह सकते हैं। व्यक्ति को मीठा बोलना चाहिए चाहे बच्चे हो, गरीब हो, अमीर हो अक्सर ऐसे लोगों को सभी पसंद करते हैं।

यदि स्त्री में ये गुण होता है तो जीवन में कलह नही होती है आपसी संबंध मधुर रहते हैं। किसी भी बात को चाहे वो जितनी बड़ी क्यों न हो यदि मीठे शब्दों से उसको संभाला जाए तो वो कभी नही बिगड़ती है, बल्कि मीठे शब्दों से बड़े बड़े हल निकाले जा सकते हैं। यदि पत्नी में ये गुण है तो सिर्फ पति ही नही पूरा परिवार खुशहाल रहता है।

धर्म की बातों का जीवन में विशेष महत्व होता है। धर्म हमें सिखाता है कि क्या करना है क्या नही करना है। धर्म से हम अच्छा व्यवहार सीखते हैं, हमारे अंदर सद्गुणों का विकास होता है। यदि ये गुण पत्नी के अंदर हो तो वो संयम और संस्कार से हर काम करेगी जिससे सम्पूर्ण परिवार खुश रहेगा। बच्चों का सही विकास होगा उनमें सद्गुण विकसित होंगे।

इस गुण के होने से व्यक्ति में सभी प्रकार के संकटों से लड़ने की क्षमता रहती है, जो धर्म के मार्ग पर चलता है उस पर ईश्वर की कृपा हमेशा बनी रहती है। धर्म हमारे जीवन को सही दिशा प्रदान करता है धर्म कल्याण सिखाता है धर्म दूसरों की सहायता करना सिखाता है, धर्म प्रेम सिखाता है। यदि धर्म के मार्ग पर जीवन है तो वो ईश्वर का मार्ग है और जो मार्ग ईश्वर का है उसमें हर किसी का कल्याण है।