उत्तराखंड रोडवेज बसों का बढ़ेगा किराया, राज्य परिवहन प्राधिकरण को भेजी गयी रिपोर्ट

प्रदेश में सार्वजनिक वाहनों का किराया और ट्रकों का माल भाड़ा बढ़ाने की रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। दो-तीन दिन में रिपोर्ट राज्य परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) को भेज दी जाएगी। रिपोर्ट में किराया 30 से 40 फीसदी तक बढ़ाने की सिफारिश की गई है।

किराया बढ़ाने पर अंतिम फैसला राज्य परिवहन प्राधिकरण करेगा। देहरादून के आरटीओ दिनेश पठोई के नेतृत्व में बनी कमेटी ने महंगाई के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की है। इसमें हिमाचल के किराए का भी अध्ययन किया गया है। टैक्सी, मैक्सी के किराए में 40% तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव है। पहली बार एंबुलेंस और ई-रिक्शा का किराया भी तय करने का प्रस्ताव है। आरटीओ देहरादून दिनेश पठोई ने बताया कि किराया बढ़ाने की रिपोर्ट दो दिन में एसटीए को भेज देंगे।

साधारण बस का किराया मैदानी रूटों पर अभी एक रुपये पांच पैसे और पर्वतीय रूटों पर एक रुपये 50 पैसे किमी है। इसे बढ़ाकर मैदानी रूटों पर एक रुपये 47 पैसे और पर्वतीय रूटों पर दो रुपये 10 पैसे करने का प्रस्ताव है।

अभी तक 31 से अधिक सीट वाली बस का किराया मैदानी रूट पर 57 रुपये प्रति किमी और पर्वतीय रूट पर 70 रुपये प्रति किमी है। इसे मैदानी रूट पर 80 और पर्वतीय रूट पर 84 रुपये प्रति किमी करने का प्रस्ताव है।

अभी प्रथम दो किमी का 50 रुपये है और इसके बाद प्रत्येक किमी का 15 रुपये है, जो अब पहले दो किमी का 70 और इसके बाद प्रत्येक किमी का 21 रुपये हो सकता है।

भार वाहनों का माल भाड़ा अभी मैदानी रूट पर 29 रुपये प्रति कुंतल प्रति किमी है, जो 40 रुपये प्रति किमी हो सकता है। जबकि पर्वतीय रूटों पर 44 रुपये प्रति कुंतल प्रति किमी से बढ़कर 61 रुपये प्रति कुंतल प्रति किमी तक हो सकता है।

स्टेज कैरिज परमिट वाली निजी बसों का न्यूनतम स्लैब दो किमी का है, जिसका किराया सात रुपये किमी है। यह बढ़कर दस रुपये किमी हो सकता है। सबसे बड़ा स्लैब 29 किमी का है, जिसका किराया 40 रुपये प्रति किमी से बढ़ाकर 56 रुपये प्रति किमी करने का प्रस्ताव है।

अभी पहले दो किमी का 40 रुपये है और इसके बाद प्रति किमी का 17 रुपये है, जिसे दो किमी का 56 और इसके बाद प्रत्येक किमी का 24 रुपये करने का प्रस्ताव है।