हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण से हटा ऋषिकेश तहसील का सम्पूर्णभाग अब…

ऋषिकेश तहसील के सम्पूर्णभाग को हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण (एचआरडीए) से हटा मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) के अधीन कर लिया गया है। इसी तरह गंगोत्री विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण और पूर्णागिरि विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण का भी विलय संबंधित जिला विकास प्राधिकरण में कर दिया गया है।

सभी जिलों में विकास प्राधिकरण गठित होने के बावजूद कई जिलों में एक से अधिक विकास प्राधिकरण काम कर रहे थे। अब राज्य कैबिनेट ने एक जिले में एक ही विकास प्राधिकरण पर मुहर लगा दी है। इसी क्रम में हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण से ऋषिकेश तहसील को हटाते हुए, इसे पूरी तरह एमडीडीए में शामिल कर लिया गया है। इस तरह एमडीडीए ऋषिकेश से लेकर त्यूणी तक देहरादून जिला का संपूर्ण क्षेत्र अब एमडीडीए के अधीन आ गया है।

इसी तरह ऋषिकेश से सटे मुनिकीरेती क्षेत्र को टिहरी जिला विकास प्राधिकरण और पौड़ी जिले के स्वर्गाश्रम लक्ष्मणझूला क्षेत्र को पौड़ी जिला विकास प्राधिकरण में शामिल कर लिया गया है। पहले उक्त दोनों क्षेत्र भी एचआरडीए में शामिल थे।उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगोत्री विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण को समाप्त करते हुए, इसे उत्तरकाशी जिला विकास प्राधिकरण में शामिल कर लिया गया है।

प्राधिकरण के कर्मचारी और संपत्ति भी उत्तरकाशी जिलाविकास प्राधिकरण में शामिल जो जाएंगे।उधर कैबिनेट ने चंपावत जिले ि२ पूर्णागिरि विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण को भी चंपावत जिला विकास प्राधिकरण में शामिल कर दिया है। प्राधिकरण में पोथ, कुल्हाड़, पूर्णागिरी माफी सहित कुल छह तोक शामिल थे, जो अब जिला विकास प्राधिकरण के हिस्से होंगे। साथ ही चंद्रिका खड़क, सेलागाड़, जमरानी सहित 31 गांवों को भी प्राधिकरण में शामिल किया गया है।