कानपुर के ग्वालटोली थाना इलाके में पूरा बवाल एक मजलिस को लेकर हुआ. यह एक मकबरे में हो रही थी. पुलिस को जानकारी मिली थी कि वहां 50-60 लोग जुटे हुए हैं. पुलिस वहां पहुंची और फिर मजलिस के मुखिया डॉक्टर अली को थाने ले आई.
डॉक्टर अली के पीछे-पीछे भारी भीड़ भी थाने पहुंच गई और विरोध प्रदर्शन करने लगी. इसके बाद स्थानीय लोगों ने जब उनका वीडियो बनाना शुरू किया तो भीड़ पत्थरबाजी करने लगी.
फिर पुलिस ने बीच-बचाव कराया. आखिर में डॉक्टर अली को यह हिदायत देकर छोड़ा गया कि गाइडलाइंस (Muharram Guidelines 2020 in UP) के अनुसार ही मोहर्रम का मातम करें. इसके बाद भीड़ शांत होकर लौट गई.
दरअसल, कोरोना की वजह से मोहर्रम को लेकर उत्तर प्रदेश में कुछ गाइडलाइंस (Muharram Guidelines 2020 in UP) हैं. इसके मुताबिक, मजलिस में अभी पांच लोग ही मौजूद रहेंगे. इसके अलावा सड़क और चौक पर ताजिये नहीं रखे जा सकेंगे.
दूसरा मामला बाराबंकी का है. वहां ताजिये ले कर जा रहे मुस्लिम युवक को पुलिस ने रोका था. इस बीच यह अफवाह फैल गई कि पुलिस ताजिए को भी लेकर थाने पहुंच गई है.
इसपर मुस्लिम पक्ष ने बाराबंकी-बहराइच मार्ग को जाम कर दिया. इसके बाद पुलिस और प्रदर्शनकारी आमने-सामने आ गए. भीड़ ने जमकर पथराव किया. कई वाहनों को तोड़ दिया गया. फिलहाल मौके पर पीएसी तैनात है और स्थिति कंट्रोल में है.
उत्तर प्रदेश में मोहर्रम (Muharram) की मजलिस और ताजिए को लेकर दो अलग-अलग जगह विवाद सामने आया है, जहां भीड़ ने हिंसा की लेकिन पुलिस ने किसी तरह माहौल को ज्यादा बिगड़ने से पहले शांत करवा दिया.
पहला मामला कानपुर का है. वहां कोविड-19 गाइडलाइंस उल्लंघन करके मजलिस चल रही थी. दूसरा मामला बाराबंकी का है. वहां ताजिया लेकर जा रहे शख्स को पुलिस ने रोका था.