जानलेवा बनी ये दवा, भूलकर कर भी न करे सेवन

इस स्टडी में दावा किया गया है कि कोरोना के उपचार में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीनअच्छा नहीं, बल्कि खतरनाक साबित हो रही है। ऐसा देखा गया है कि सामान्य उपचार की तुलना में उन मरीजों की मृत्यु ज्यादा हुई, जिन्हें हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा दी गई थी।

अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ व यूनिवर्सिटी ऑफ वर्जीनिया के प्रोफेसरों ने ये स्टडी की है। रिसर्चर्स ने पाया कि इस दवा से कोरोना के मरीज की हालत पहले तो कुछ हद कर सुधरती है.

लेकिन बाद में इतनी बिगड़ जाती है कि मरीज की मृत्यु हो जाती है। इस स्टडी से पहले कई वैज्ञानिक व तमाम राष्ट्रों के हेल्थ एक्सपर्ट अब कोरोना वायरस से लड़ाई में इस दवा की किरदार पर सवाल उठा चुके हैं।

वेटरन हेल्थ एडमिनिस्ट्रेशन (VA) के आंकड़ों के विश्लेषण में पाया गया है कि कोरोना के 97 प्रतिशत मरीजों को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा दी गई.

जिनमें से 28 प्रतिशत कोरोना मरीजों की मृत्यु हो गई। वहीं, अगर सामान्य प्रक्रिया में उपचार होता है, तो मौत दर सिर्फ 11 प्रतिशत ही रही।

स्टडी में ये भी बोला गया है कि कोरोना संक्रमितों को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा अगर एजिथ्रोमाइसिन के साथ मिलाकर भी दी जाए, तब भी उसके बचने की उम्मीद कम रहती है।

एंटी मलेरिया की दवाईहाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन  को कोरोना संक्रमितों के उपचार में कुछ हद तक अच्छा माना जा रहा था। इसी वजह से ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बीते दिनों धमकी भरे लहजे में हिंदुस्तान से इस दवा की सप्लाई की मांग की थी। हालांकि, अब अमेरिका में ही हुई एक नयी स्टडी में इस दवा को लेकर दंग करने वाली जानकारी मिल रही है।

दुनियाभर के देश इन दिनों चाइना से फैले कोरोना वायरस का कहर झेल रहे हैं। इस वायरस का अभी तक न तो कोई उपचार मिल पाया है व न ही कोई वैक्सीन विकसित हो पाई है।