इस देश के डॉक्टरों ने उतारे कपड़े , वजह जानकर चौक गए लोग

कोरोना से मरीजों को बचाने में लगे चिकित्सक एक -एक करके खुद भी इसी जानलेवा वायरस का आसान शिकार बनते जा रहे हैं। इससे बचने के लिए पीपीई किट पहनने का विकल्प भी कोई बहुत आसान समाधान नहीं है।

 

इस किट को पहनने में आधा घंटा तक लग जाता है। वहीं इसे पहनने के बाद ताजा हवा, घुटन, उमस, तेज गर्मी और बोलने तक में दिक्कतें कम जानलेवा अहसास नहीं हैं।

अलबत्ता चिकित्सकों को टॉयलेट तक के लिए इस किट को उतारने में भारी मशक्कत होती है। लिहाजा ज्यादातर चिकित्सक इस किट के अंदर ही एडल्ट डायपर का इस्तेमाल कर रहे हैं।

मगर कोरोना से लड़ना है तो ये किट पहनना मेडिकल स्टाफ की मजबूरी है। महज एक दिन पहल चीन से आयात की गई घटिया पीपीई किट की गुणवत्ता के चलते हिंदुस्तानी सरकार चीन को काफी खरी-खोटी सुना चुकी है और चीन ने इस मुद्दे को संभालने की भरपूर कोशिश की है।

दिल्ली और कई शहरों में मेडिकल स्टाफ (medical staff) के पास कोरोना से बचाव के लिए पीपीई किट (ppe kit) की किल्लत का मुद्दा जब-तब अखवारी सुर्खियां बनता रहता है।

मगर ये ही शिकायतें दुनिया के कई देशों में सुनने को मिलती रहती हैं। हाल ही में जर्मनी के चिकित्सकों ने पीपीई किट मुहैय्या कराए जाने की मांग करते हुए कपड़े उतार कर प्रदर्शन किया।

इस विश्वव्यापी समस्या का कोई बेहतरीन समाधान तलाशने की कोशिश की जा रही है। मगर लगता नहीं है कि कोरोना वायरस के खत्म होने तक इसका कोई भी स्थाई समाधान निकल पाएगा।