सिर दर्द के लिए इसको पानी के साथ घिसकर माथे पर चंदन की तरह लगाया जाए तो दर्द दूर करता है। जिन लोगों को ठंड ज्यादा लगती है, उनके लिए जायफल का छोटा-सा टुकड़ा मुंह में रखकर चूसने से सर्दी का प्रकोप कम होगा। यह काम प्रतिदिन या आवश्यकतानुसार भी कर सकते हैं।
इन रोगों में है कारगर बार-बार आने वाले दस्तों के लिए, इसको पानी के साथ घिसकर नाभि पर लेप लगाना लाभकारी है। सर्दी, जुकाम, खांसी के लिए सवेरे खाली पेट चौथाई चम्मच जायफल का चूर्ण शहद के साथ लेने से आराम मिलता है। पेट दर्द के लिए चार-पांच बूंद जायफल के तेल को चीनी के साथ लेने से आराम मिलता है।
सुपारी के समान आकार वाला जायफल, सेहत के लिए बेहद लाभकारी है। इसका प्रयोग सर्दी, जुकाम, पक्षाघात, लकवा, पाचन तंत्र की गड़बड़ी, सिर दर्द, भूख की कमी, पेट दर्द और दस्त तथा प्रसव के बाद कमर दर्द में लाभकारी होता है।
हम सबके घरों की रसोई में इस्तेमाल होने वाले मसालों में जायफल से सभी परिचित हैं। यह मिरीस्टिका वृक्ष का फल होता है। इसके खोल को जावित्री के नाम से जानते हैं।
यह छिलका रूपी जावित्री मसालों में काम आता है। जायफल की भीनी खुशबू सब्जी, मिठाई और पेय पदार्थों में स्वाद और सुगंध बढ़ाने के लिए प्रयोग की जाती है। यह तासीर में गर्म होता है। गर्म तासीर वाले इसका सेवन अपने वैद्य की देखरेख में करें। अन्यथा लाभ के बदले हानि की संभावना होती है।